जौहरियों की दीवाली फीकी! | राजेश भयानी / मुंबई October 09, 2019 | | | | |
जौहरियों के लिए दीवाली का सीजन सुस्त रहने के आसार नजर आ रहे हैं। सोने के बहुत अधिक दामों की वजह से इस सीजन में ग्राहकों में सोने के गहनों पर पैसा खर्च करने का कोई रुझान नहीं दिखता। दशहरे पर निराशाजनक खरीद भी दीवाली की सुस्त बिक्री की ओर इशारा कर रही है। दशहरे के शुभ अवसर पर कुछ जौहरियों ने स्वीकार किया कि पिछले दशहरे की तुलना में इस बार 50-80 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। दुनिया के इस दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता देश में मांग पर दबाव भी फीकी दीवाली की ओर इशारा करता है क्योंकि दाम घटने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।
मुंबई के थोक बाजार - जवेरी बाजार में आज स्टैंडर्ड सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 38,200 रुपये रहा। तीन प्रतिशत जीएसटी के साथ दाम प्रति 10 ग्राम 40,000 रुपये बैठते हैं। दामों का यह स्तर पिछली दीवाली पर स्टैंडर्ड सोने के दामों से 20 प्रतिशत अधिक है। इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा कि सभी संकेत बता रहे हैं कि दीवाली पर आभूषण बिक्री पिछली दीवाली की बिक्री के मुकाबले 50 प्रतिशत से भी कम रह सकती है। यहां तक कि सितंबर में स्वर्ण आयात के संकेतक भी निराशाजनक परिदृश्य का संकेत दे रहे हैं। सितंबर का आयात 26 टन रहने का अनुमान है जो पिछले तीन वर्षों के दौरान सबसे कम मासिक आयात है और यह सितंबर 2018 की तुलना में लगभग 80 प्रतिशत कम है। अक्टूबर में अब तक आयात का परिदृश्य लगभग समान ही रहा है। पिछले सप्ताह अस्थायी रूप से एक या दो दिन तेजी से गिरावट आई थी और सोने की मांग में सुधार आने की उम्मीद थी।
वामण हरि पेठे ज्वैलर्स के निदेशक आदित्य पेठे ने कहा कि पिछले साल की तुलना में दशहरा भी 20 प्रतिशत कम रहा और मौजूदा दामों पर दीवाली सीजन के दौरान मांग 20 प्रतिशत कम रहने के आसार हैं। छूट में तीव्र गिरावट आने की वजह से पिछले कुछ दिनों में सोने के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। औपचारिक थोक बाजार में सोना प्रति औंस करीब 55-57 डॉलर या प्रति 10 ग्राम 1,100-1,200 रुपये की छूट पर बिक रहा था, जबकि आधिकारिक रूप से आयातित सोने की कीमत आज प्रति 10 ग्राम 400 रुपये या प्रति औंस 20 डॉलर छूट के साथ बोली गई। इससे थोक बाजारों में सोने के दामों वृद्धि हुई।
छूट में करीब एक-तिहाई की इस कटौती का जिम्मेदार आपूर्ति में कमी को माना जा रहा है। अग्रिम अनुमति योजना के तहत मशीन द्वारा निर्मित गहनों और सिक्कों के लिए शुल्क मुक्त स्वर्ण आयात की सुविधा वापस लिए जाने के बाद आपूर्ति में और कमी आई है। इस कदम के बाद पिछले कुछ दिनों के दौरान आयातित लागत की तुलना में बाजार में चल रही छूट में गिरावट आनी शुरू हो गई है क्योंकि आपूर्ति कम हो गई। सोने के आयात पर नजर रखने वाले एक विश्लेषक के अनुसार छूट में आई यह गिरावट मांग में सुधार का संकेत नहीं दे रही है।
|