जीएमआर का ओडिशा बिजली संयंत्र खरीदने के लिए जेएसडब्ल्यू एनर्जी और जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच बातचीत हो रही है। दोनों कंपनियों ने सोमवार को एक्सचेंजों को यह जानकारी दी। दोनों कंपनियोंं ने हालांकि परिसंपत्ति के मूल्यांकन का खुलासा नहीं किया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बिजली परिसंपत्ति का मूल्यांकन करीब 5,200 करोड़ रुपये हो सकता है। जेएसडब्ल्यू ने बीएसई को एक बयान में कहा, हम सूचित करना चाहते हैं कि जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने जीएमआर कमलांगा एनर्जी के संभावित अधिग्रहण के लिए जीएमआर एनर्जी से बातचीत शुरू की है। बयान में कहा गया है, जीएमआर की सहायक ओडिशा में 1,050 मेगावॉट क्षमता वाले बिजली संयंत्र का परिचालन करती है। दोनों पक्षकारों ने इस मामले पर निष्कर्ष पर तेजी से पहुंचने का इरादा जताया है। अगर यह कामयाब रहा तो जेएसडब्ल्यू एनर्जी करीब चार साल के अंतराल के बाद बिजली परिसंपत्ति का अधिग्रहण करेगी। साल 2015 में जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने जयप्रकाश पावर वेंचर्स से 9,700 करोड़ रुपये दो पनबिजली परिसंपत्तियां खरीदी थी। पिछले महीने बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में जेएसडब्ल्यू एनर्जी के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत जैन ने कहा था, अगले 3-4 साल में हम अपनी क्षमता 10 गीगावॉट तक पहुंचाना चाहते हैं, जो अभी 4.5 गीगावॉट है। ओडिशा संयंत्र बेचने के बाद जीएमआर एनर्जी वरोरा में 600 मेगावॉट का ताप विद्युत संयंत्र, वेमगिरी व कांकीनाड़ा में दो गैस आधारित परियोजना और गुजरात में एक सौर ऊर्जा संयंत्र का परिचालन करेगी। जीएमआर कमलांगा एनर्जी पर केयर रेटिंग्स ने एक नोट में कहा है, परियोजना की अंतिम अनुमानित लागत 6,519 करोड़ रुपये है। कंपनी ने ग्रिडको, हरियाणा यूटिलिटीज और बिहार स्टेट यूटिलिटीज के साथ बिजली खरीद समझौता किया है। 31 मार्च 2019 को जीएमआर एनर्जी के पास जीकेईएल की 87.42 फीसदी हिस्सेदारी थी, वहीं 10.21 फीसदी हिस्सेदारी इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के पास थी। इस फंड का प्रबंधन आईडीएफसी प्रोजेक्ट इक्विटी कंपनी लिमिटेड के पास है। इसके अलावा 2.37 फीसदी हिस्सेदारी आईडीएफसी के पास थी। जून 2019 में बिजली संयंत्र 76 फीसदी क्षमता पर परिचालित हो रही थी। सौदा होने के बाद जीएमआर इन्फ्रा को कर्ज घटाने में मदद मिलेगी। पिछले कुछ वर्षों से कंपनी परिसंपत्ति मुद्रीकरण में जुटी हुई है और हल्की परिसंपत्ति की रणनीति पर चलने पर विचार कर रही है। अगस्त में जीएमआर ने अदाणी पावर के साथ हिस्सेदारी खरीद का करार किया था, जो जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी की पूरी 47.62 फीसदी हिस्सेदारी के लिए था। समूह की योजना गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों मसलन राजमार्ग, कोयला खदान और स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (एसआईआर) परिसंपत्तियों के विनिवेश की है। जीएमआर अपने हवाईअड्डा कारोबार को अलग कर उसे अलग इकाई के दायरे में लाने की प्रक्रिया में भी है।
