► पॉण्ड्स के डिजाइन में बदलाव से प्लास्टिक में एक तिहाई कटौती
► डव के डिब्बे के अंदर की पैकेजिंग लेयर हटाई
► 2025 तक प्लास्टिक प्रयोग आधा करने का लक्ष्य
हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने कुछ समय पहले जब अपने लोकप्रिय उत्पाद पॉण्ड्स टेल्कम पाउडर के डिब्बे की आकृति में बदलाव किया तो लोगों को लगा होगा कि कंपनी ने दशकों से चले आ रहे उसके डिजाइन से पैदा हुई एकरसता तोड़ने के लिए ऐसा किया। हो सकता है यह सच हो मगर इस एक बदलाव से कंपनी में डिब्बे में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की मात्रा में एक तिहाई कटौती कर दी। हाल ही में वितरकों ने देखा कि एचयूएल ने अपने लोकप्रिय उत्पाद डव साबुन के डिब्बे के भीतर से प्लास्टिक की पैकिंग हटा दी है। इस कदम से कंपनी को एकल इस्तेमाल वाले (सिंगल यूज) प्लास्टिक का घटाने में मदद मिली है।
एचयूएल की मूल कंपनी ब्रिटेन की यूनिलीवर पीएलसी दुनियाभर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए बहुस्तरीय योजना पर काम कर रही है। प्लास्टिक के खिलाफ अभियान तेज होने के साथ ही कंपनी ने वर्ष 2025 तक एकल प्लास्टिक का इस्तेमाल आधा घटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही कंपनी ने अगले सात साल में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक से अधिक मात्रा में प्लास्टिक इकट्ठा करने और उसका प्रसंस्करण करने का लक्ष्य रखा है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी सभी विकसित देशों और भारत जैसे बड़े उभरते बाजारों में प्लास्टिक इकट्ठा करने वालों और उसे रीसाइकल करने वालों के साथ हाथ मिला रही है। इन उपायों के जरिये कंपनी हर साल करीब 6 लाख टन प्लास्टिक एकत्र करके इसका प्रसंस्करण करना चाहती है। कंपनी सालाना 7 लाख टन प्लास्टिक का इस्तेमाल करती है और वह उत्पादों के डिजाइन और पैकेजिंग में बदलाव करके इसमें 1 लाख टन की कटौती करना चाहती है।
यूनिलीवर के मुख्य कार्याधिकारी एलन जोप ने कहा कि नई परियोजना की शुरुआत डिजाइन से होगी। उन्होंने कहा, 'प्लास्टिक की मात्रा घटाने के बाद हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अधिक से अधिक रीसाइकल्ड सामान का इस्तेमाल किया जाए। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी सभी प्लास्टिक पैकेजिंग दोबारा इस्तेमाल के लायक, रीसाइक्लिंग योग्य और खाद में बदलने योग्य हो। इसके लिए हमें पैकेजिंग और उत्पाद में बुनियादी बदलाव करना होगा।, दुनिया भर में कंपनी ने वर्ष 2010 के बाद से अपने प्लास्टिक इस्तेमाल में एक तिहाई की कटौती की है।
कंपनी के मुताबिक 'लेस प्लास्टिक, कार्यक्रम के जरिये उसने पैकेजिंग और उत्पादों की आपूर्ति के नए तरीकों को खोजा है। इसमें नया सिफ ईको-रीफिल शामिल है, जिससे प्लास्टिक के इस्तेमाल में 75 फीसदी कटौती हुई है। दक्षिण पूर्व एशिया में दुकानों, विश्वविद्यालयों और मोबाइल वेंडिंग मशीनों में शैंपू और लॉन्ड्री डिटरजेंट के लिए नए रीफिल स्टेशन लगाए गए हैं।
एलन मैकआर्थर फाउंडेशन की संस्थापक एलन मैकआर्थर ने कहा कि यूनिलीवर ऐसी परियोजनाएं चला रही है जहां रीफिल और रीयूज में नवाचार से अनावश्यक पैकेजिंग को खत्म किया जा सके। भारत में पैकेजिंग के अनोखे समाधानों और डिजाइन में बदलाव के अलावा एचयूएल ने नई दिल्ली, बेंगलूरु और कोलाबा सहित 20 शहरों में प्रायोगिक परियोजनाएं शुरू की हैं।