दूसरी तिमाही में भी सीमेंट कमजोर | अमृता पिल्लई / मुंबई October 06, 2019 | | | | |
जून 2019 के दौरान बिक्री वृद्धि में गिरावट दर्ज करने वाला सीमेंट उद्योग सितंबर में समाप्त होने वाली तिमाही में भी गिरावट दर्ज कर सकता है। इसकी वजह यह है कि देश का मॉनसून सीजन ज्यादा लंबे समय तक कायम रहा है। कंपनी के अधिकारियों और उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा है कि सितंबर में मांग कमजोर रही है और कुछ खास बाजारों में कीमतों पर दबाव रहा हैं। दूसरी तिमाही के पहले दो महीने मॉनसून की वजह से आम तौर पर सीमेंट क्षेत्र के लिए कमजोर रहते हैं। हालांकि उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि लंबे मॉनसून ने कमजोर मांग का विस्तार सितंबर तक कर दिया है। श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक एचएम बांगड़ ने कहा कि सितंबर में भी मांग कमजोर थी क्योंकि मॉनसून का असर अगस्त के बाद भी देखा गया। मुझे उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल मांग वृद्धि तीन प्रतिशत से लेकर चार प्रतिशत तक रहेगी।
चालू वित्त वर्ष अब तक सीमेंट क्षेत्र के लिए असामान्य रहा है। जून 2019 को समाप्त होने वाली तिमाही के दौरान मांग वृद्धि में गिरावट नजर आई है। मॉनसून से पहले निर्माण गतिविधि में वृद्धि के कारण आम तौर पर अप्रैल-मई में अधिक मांग दिखती है लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ। जून तिमाही की अल्ट्राटेक निवेशक रिपोर्ट के मुताबिक जून 2019 की तिमाही के दौरान सीमेंट की बिक्री वृद्धि में 3-4 प्रतिशत की गिरावट आई है। चुनाव और श्रमिकों की कमी जैसे विभिन्न कारणों से ऐसा हुआ है। दक्षिण भारत स्थित सीमेंट विनिर्माता पेन्ना सीमेंट के अधिकारयों ने कहा कि सितंबर में सीमेंट की मांग कमजोर बनी रही है।
पेन्ना सीमेंट के विपणन निदेशक कृष्ण श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल की तुलना में जुलाई और अगस्त महीने में मांग कुल मिलाकर स्थिर रही है। हालांकि सितंबर महीने में विभिन्न बाहरी कारणों से गिरावट आई है। अगर विश्लेषकों के अनुमान सही साबित होते हैं तो सितंबर तिमाही के दौरान भी बिक्री वृद्धि में गिरावट आएगी। प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों को उम्मीद है कि सितंबर तिमाही की बिक्री वृद्धि में सालाना आधार पर केवल 0.3 फीसदी तक की गिरावट आएगी। विश्लेषकों ने इसका जिम्मेदार लंबे समय तक मॉनसून की सुस्ती, सरकारी खर्च में कमी और रियल एस्टेट क्षेत्र में नरमी को ठहराया। जून 2019 को समाप्त होने वाली तिमाही तक सीमेंट की मांग में काफी वृद्धि नजर आई थी।
लंबे समय तक चलने वाले मॉनसून के अलावा आर्थिक मंदी भी मांग को प्रभावित कर रही है। श्रीवास्तव ने कहा चालू मंदी के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में मांग पर अत्यधिक असर पड़ा है। महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर भी सितंबर में कई जिलों में हुई भारी बारिश के कारण प्रतिकूल असर पड़ा है। बांगड़ को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में उद्योग की बिक्री वृद्धि 4-5 प्रतिशत इजाफे के साथ समाप्त होगी। मांग कमजोर होने से सीमेंट की कीमतों पर भी दबाव पड़ा है। एंबिटा कैपिटल रिसर्च के अनुसार सितंबर में भी मांग कमजोर थी और हमें वित्त वर्ष 19 की दूसरी तिमाही की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 2-3 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद होने के आसरा लगते है। पिछले कुछ महीनों में यह सीमेंट की कीमतों में भी नजर आया है क्योंकि तिमाही आधार पर सीमेंट के दामों में 5-6 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है।
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