बाढ़ के बाद अब डेंगू का कहर | बीएस संवाददाता / पटना October 06, 2019 | | | | |
बाढ़ की विभीषिका के बाद पटना और बिहार के दूसरे इलाकों पर अब महामारी का संकट मंडराने लगा है। बिहार में रविवार तक डेंगू के हजार मरीजों की पहचान हो चुकी है। स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। हफ्ते भर से ज्यादा दिनों से परेशान पटना शहर के ज्यादातर इलाकों में घरों से पानी निकल चुका है। पुनपुन नदी में जलस्तर गिरने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। हालांकि अब भी इसमें पानी खतरे के निशान से ज्यादा है। अधिकारियों के मुताबिक सोमवार से इस नदी में तेजी से पानी कम होगा। उनके मुताबिक पानी कम होने के बाद ही दक्षिण पटना से पानी निकालने में मदद मिलेगी।
शहर के ज्यादातर इलाकों में अब भी पानी जमा हुआ है। मुख्य रूप से पाटलिपुत्र, राजेंद्र नगर और गोला रोड जैसे इलाके अब भी पानी में डूबे हुए हैं। जलजमाव से अब भी कई रूटों पर ट्रेनों का परिचलन बाधित है। स्थानीय कारोबार को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। भागलपुर और बांका जिलों में भी कई इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य में संक्रमण फैलने लगा है। राज्य में रविवार तक डेंगू के करीब 980 मरीजों की पहचान हो चुकी है। डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज पटना में मिले हैं जहां अब तक 650 मरीजों की पहचान की जा चुकी है। अकेले पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू के 775 मरीजों को भर्ती किया चुका है। राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही राज्य के प्रमुख अस्पतालों में इस बारे में उपचार की व्यवस्था करने को कहा गया है।
राज्य सरकार इसे महामारी नहीं मान रही है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने कहा, 'इस बारे में हमारी तैयारी पूरी है। हमने भारत सरकार से भी मदद की मांग है। वहां से मलेरिया और वायरल बीमारियों के विशेषज्ञों की टीम ने महामारी की आशंका से इनकार किया है। हालांकि पानी को लेकर ऐहतियात जरूरी है। इसीलिए हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं। फॉगिंग में भी तेजी लाई जा रही है।'
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