उत्तर प्रदेश में सब्जियों की कीमतों में उबाल | बीएस संवाददाता / लखनऊ October 06, 2019 | | | | |
उत्तर प्रदेश के तराई सहित तमाम हिस्सों में हुई भीषण बारिश से धान की लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बरबाद हुई है। इसके साथ ही सब्जियों की कीमतों में भी जबरदस्त उबाल आया है। महाराष्ट्र व देश के अन्य हिस्सों में लगातार हो रही बारिश, आवक की कमी और माल खराब से प्याज और टमाटर की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। अब स्थानीय फसल की आवक घटने और पानी से खराब होने के बाद थोक व खुदरा बाजार में बाकी सब्जियों के दाम भी खासे बढ़ गए हैं। लखनऊ की थोक मंडियों में सरकार की सख्ती और आवक में सुधार से पिछले एक सप्ताह में प्याज के दाम कुछ कम जरूर हुए हैं, लेकिन बाकी सब्जियों के दाम बेतहाशा बढऩे लगे हैं।
इस समय लखनऊ की थोक सब्जी मंडी दुबग्गा में प्याज के दाम 50 रुपये से गिरकर 35-40 रुपये तक आ पहुंचे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से भी उद्यान विभाग के विशेष स्टॉलों पर जनता को राहत देने के लिए 29 रुपये किलोग्राम के हिसाब से प्याज की बिक्री शुरू की गई है। थोक कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश में बारिश के थमने के बाद आवक में भी सुधार हुआ है, जिससे प्याज के बढ़ते दाम थमे हैं। हालांकि टमाटर अभी भी खुदरा बाजार में 50 रुपये और थोक बाजार में 40 रुपये किलो ही मिल रहा है।
प्याज और टमाटर से इतर बाजार में हरी सब्जियों के दाम भी चढ़े हैं। राजधानी की खुदरा सब्जी मंडी में इन दिनों लौकी 40 रुपये किलो, शिमला मिर्च 60-80 रुपये किलो, बींस 80-100 रुपये किलो, कद्दू 40-50 रुपये तो तरोई 50 रुपये किलो बिक रही है। पिछले 15 दिनों में ही इन हरी सब्जियों के दाम दो से तीन गुने बढ़े हैं। नींबू और हरी मिर्च के दामों में भी खासा इजाफा हुआ है। सब्जी आढ़ती फौजान अहमद बताते हैं कि लगातार बारिश से पूरे प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर सब्जियां खेतों में सड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि किसान माल लेकर मंडियों तक नही आ पा रहे हैं और बाहर से भी आवक खासी घटी है, जिससे दाम चढ़ गए हैं।
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