आपदाएं न कर दें संपत्ति बरबाद इसलिए बीमा का लीजिए पूरा साथ | सरबजीत के सेन / October 06, 2019 | | | | |
पिछले कुछ दिनों से बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भीषण बारिश, बाढ़ और जलभराव की खबरें ही अखबारों तथा खबरिया चैनलों की सुर्खियों में छाई हुई हैं। खबरों के मुताबिक बारिश, बाढ़ और जलभराव के कारण 100 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और संपत्ति तथा वाहनों को भी भारी क्षति पहुंची है। कुछ ही हफ्तों पहले मुंबई में भी इसी तरह की दिक्कत देखने को मिली थी क्योंकि कई हिस्सों में भारी मात्रा में पानी जमा होने के कारण संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था। गाहे-बगाहे जहां-तहां ऐसी आपदाएं सामने आती ही रहती हैं, इसलिए मकान और वाहन मालिकों को इस प्रकार के जोखिमों से बचने के लिए गैर जीवन बीमा पॉलिसियों की पूरी सुरक्षा भी हासिल कर लेनी चाहिए।
ज्यादातर लोगों को लगता है कि अगर उनके पास पर्याप्त जीवन बीमा है, खास तौर पर टर्म बीमा योजना है तो किसी और चीज की जरूरत उन्हें नहीं रह जाती। लेकिन प्राकृतिक आपदाएं बहुत खतरनाक होती हैं और एक ही झटके में आपकी संपत्ति का पूरी तरह सफाया हो सकता है। प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकर के निदेशक राकेश गोयल कहते हैं, 'ज्यादातर लोग प्राकृतिक आपदाओं के कारण माली नुकसान होने की संभावना को पूरी तरह नजरअंदाज कर देते हैं या उन्हें यह खयाल ही नहीं रहता कि उनकी संपत्तियों आदि को इनके कारण नुकसा भी हो सकता है। हम देख चुके हैं कि बाढ़, भूकंप, भारी बारिश, सुनामी और चक्रवात कितने विनाशकारी हो सकते हैं और उनके कारण कितना भारी नुकसान हो सकता है।'
अपना घर बचाइए
ज्यादातर लोगों के लिए उनका घर ही उनकी सबसे बड़ी संपत्ति होता है। विडंबना यह है कि अपना घर खरीदने और उसे सजाने में वे लाखों और कभी-कभी करोड़ों रुपये खर्च करने को भी तैयार रहते हैं, लेकिन उसके लिए महज कुछ हजार रुपये खर्च कर समुचित बीमा कवर लेने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं होती। अगर आपने आवास बीमा ले रखा है तो मकान बरबाद होने से आपको हुए माली नुकसान का बड़ा हिस्सा आपको वापस मिल सकता है। गोयल कहते हैं, 'किसी मकान, हाउसिंग सोसाइटी और व्यावसायिक परिसर का संपत्ति बीमा कराना बहुत समझदारी का काम है क्योंकि इससे आप ऊपर बताई गई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में होने वाले वित्तीय नुकसान से बचे रहते हैं। इससे आपको संभलने का मौका मिलता है और बरबाद हुई या खोई हुई सामग्री दोबारा तैयार करने और उसे बीमा के जरिये सुरक्षित रखने की सुविधा मिलती है।' अगर आप किराये के मकान में रहते हैं तो भी अपने मकान में मौजूद महंगी वस्तुओं का बीमा कराना समझदारी भरा कदम होगा।
कार का बीमा जरूरी
मुंबई में रहने वाले वाले ज्यादातर लोग इस बीमा से और इसकी जरूरत से अच्छी तरह वाकिफ होंगे। वे इस तरह के बीमा के लिए हामी भी फौरन भर देंगे। मुंबई में हर साल भारी बारिश होती है और बड़ी मात्रा में जल भर जाता है। उसके कारण हर साल भारी संख्या में वाहनों को नुकसान पहुंचता है। इस तरह के नुकसान से बचने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव बीमा कवर होना चाहिए। सिंबो इंडिया इंश्योरेंस ब्रोकिंग के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी अनिक जैन बताते हैं, 'कॉम्प्रिहेंसिव बीमा योजनाओं में थर्ड पार्टी बीमा भी होता है और वाहन को खुद होने वाले नुकसान के जोखिम से भी सुरक्षा मिलती है।'
थर्ड पार्टी बीमा योजना में केवल तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है। इसमें तीसरे पक्ष की संपत्ति को हुए नुकसान और उसके शरीर को पहुंची चोट के बदले क्षतिपूर्ति की जाती है। अगर खुद हो हुए नुकसान यानी 'ओन डैमेज' का बीमा कराया जाता है तो उसमें वाहन के खोने या चोरी हो जाने, पूरी तरह बरबाद हो जाने, कार को दुर्घटना से होने वाले नुकसान और मानव निर्मित आपदाओं तथा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिल जाती है। जो लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं, जहां जलभराव की आशंका बहुत अधिक होती है, उन्हें शून्य मूल्यह्रïास (जीरो डेप्रिसिएशन) बीमा भी लेना चाहिए क्योंकि उसमें वाहन के बदले दूसरा वाहन लेने पर उसकी असली कीमत बीमा कंपनी से हासिल हो जाती है। वाहन बीमा के साथ इंजन प्रोटेक्टर जैसे ऐड-ऑन कवर भी बहुत काम के होते हैं और जब भी कॉम्प्रिहेंसिव वाहन बीमा पॉलिसी खरीदें तो साथ में यह ऐड-ऑन कवर लेना बिल्कुल भी न भूलें।
स्वास्थ्य बीमा हो पर्याप्त
प्राकृतिक आपदाएं अपने साथ बहुत बड़ी आफत लेकर आती हैं। इन आपदाओं के बाद कई तरह की गंभीर बीमारियां या महामारियां फैल सकती हैं, जो किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती हैं। जाहिर है कि इन बीमारियों के कारण आपके बटुए को भारी चोट लग सकती है। इसीलिए बेहतर यही है कि आप इस तरह की स्थिति से बचने की तैयारी कर लें और अपने लिए तथा अपने परिवार के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा पहले ही खरीद लें। आपको कितनी राशि का बीमा चाहिए, यह फैसला करने से पहले कई पहलुओं पर विचार कर लें। जैन की राय है, 'बीमा राशि का चयन आय के स्तर, आपके शहर, परिवार के गंभीर बीमारियों के इतिहास आदि को देखने के बाद करना चाहिए। लेकिन हमारी सलाह यही है कि किसी भी परिवार के पास कम से कम 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा होना ही चाहिए।'
गोयल यह भी कहते हैं कि स्वास्थ्य बीमा कवरेज का समय-समय पर जायजा भी लेते रहना चाहिए। वह कहते हैं, 'हमेशा अपनी बीमा पॉलिसी पर दोबारा नजर डालें और स्वास्थ्य बीमा में जो भी जरूरी बदलाव हों, उन्हें कर डालें। यदि लगता है कि स्वास्थ्य बीमा कवरेज पर्याप्त नहीं है और बीमा राशि बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन आप यह भी चाहते हैं कि आपकी जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़े तो आप सुपर टॉप-अप प्लान चुन सकते हैं।'
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