सिगरेट के दाम नहीं बढ़ाएगी आईटीसी! | अभिषेक रक्षित / कोलकाता October 04, 2019 | | | | |
देश में वेपिंग पर प्रतिबंध लगने और कॉरपोरेट कर की दर में कटौती का लाभ मिलने से आईटीसी को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में सिगरेट के दाम बढ़ाने की जरूरत संभवत: नहीं होगी। मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा कॉरपोरेट दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा किए जाने के बाद आईटीसी सिगरेट के दाम संभवत: नहीं बढ़ाएगी क्योंकि कंपनी इसके सबसे बड़े लाभार्थियों में शामिल है। जबकि इसके बावजूद उम्मीद की जा रही है कि आईटीसी चालू वित्त वर्ष के दौरान आय में 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगी।
इस बाबत पूछे जाने पर आईटीसी के प्रवक्ता ने कहा, 'कॉरपोरेट कर की दर में कटौती से अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे निवेश चक्र, खपत और रोजगार को रफ्तार देने में मदद मिलेगी। आईटी अपनी नीति के तहत किसी खास ब्रोकरेज रिपोर्ट और विभिन्न श्रेणियों में कंपनी की मूल्य निर्धारण संबंधी रणनीति पर टिप्पणी नहीं करती है।' केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा किए जाने के बाद आईटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने कहा था कि इन उपायों से निवेश चक्र, खपत और रोजगार को रफ्तार मिल सकती है। साथ ही इससे भारत एक जीवंत, बेहतरीन और वैश्विक तौर पर प्रतिस्पर्धी विनिर्माण केंद्र बनेगा।
पुरी ने कहा था, 'खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में किए गए निवेश और प्रतिस्पर्धी कृषि मूल्य शृंखलाओं के कारण किसानों और स्थानीय समुदायों को फायदा मिलने से कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जबरदस्त रफ्तार मिलेगी। कृषि मूल्य शृंखला में अनुसंधान का फायदा न केवल उपभोक्ता केंद्रित नवाचार तक सीमित है बल्कि उससे समग्र ग्रामीण विकास का भी मार्ग प्रशस्त होगा। आतिथ्य सेवा क्षेत्र में जीएसटी दरों में कटौती की पहल भी उल्लेखनीय है और इससे पर्यटन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे रोजगार सृजन में भी कई गुना वृद्धि होगी।'
पुरी ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और औषधि में आरऐंडडी को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर का दायरा बढ़ाने जैसे उपाय काफी महत्त्वपूर्ण साबित होंगे क्योंकि उसमें नवाचार को बढ़ावा देने की संभावना मौजूद है। इससे भविष्य के लिए वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि कर में कटौती के लाभ का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने में किया जा सकता है। साथ ही इससे काफी समय तक कीमत बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। एडलवाइस सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा, 'आईटीसी यदि सिगरेट के दाम नहीं बढ़ाती है तो भी वह निचले एकल अंक में वृद्धि दर्ज करेगी जो उसके चुनिंदा पोर्टफोलियो पर लागू होगा।'
विश्लेषकों का मानना है कि सिगरेट कीमतों में वृद्धि काफी हद तक कर दरों में वृद्धि से संचालित होती है जबकि इनपुट लागत का उसके पूरे लागत ढांचे पर मामूली प्रभाव होता है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि खपत बढ़ाने के उपाय के तौर पर कर में बढ़ोतरी किए जाने पर दाम घटाने पड़ते हैं लेकिन निकट भविष्य में ऐसा संभवत: नहीं दिखेगा क्योंकि आईटीसी की सिगरेट की बिक्री में तेजी दिख सकती है। रॉय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आईटीसी की सिगरेट की मात्रात्मक बिक्री में महज 3 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि तिमाही के दौरान कीमत में वृद्धि महज 2.5 फीसदी रही। इससे सिगरेट कारोबार से होने वाली आय पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 6 फीसदी बढ़कर 5,433.4 करोड़ रुपये हो गई। आईटीसी के कुल मुनाफे में सिगरेट कारोबार का योगदान करीब 80 फीसदी है।
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