हुआवे की गुणवत्ता उम्दा : मित्तल | अर्णव दत्ता / नई दिल्ली October 03, 2019 | | | | |
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के बीच भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील मित्तल ने चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता हुआवे टेक्नोलॉजिज के हक में अपनी आवाज उठाई। अमेरिकी वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस के साथ बैठे मित्तल ने कहा कि हुआवे के उत्पाद यूरोपीय कंपनियों के मुकाबले काफी उम्दा है, जिन पर अमेरिकी विभाग निर्भर है। विल्बर रॉस हुआवे के उपकरणोंं के लेकर सुरक्षा जोखिम की चिंता जता चुके हैं। भारतीय आर्थिक सम्मेलन में व्यापार युद्ध पर हो रही बातचीत में शामिल मित्तल ने कहा, सुरक्षा जोखिम पर हो रही बहस में गए बिना मैं कह सकता हूं कि पिइछले 10-12 वर्षों से हुआवे अपने उत्पादों के लेकर उम्दा कंपनी रही है, जहां मैं सुरक्षित तौर पर कह सकता हूं कि उनके उत्पाद एरिक्सन व नोकिया के मुकाबले निस्संदेह उम्दा हैं। मैं इन तीनों कंपनियों के उत्पाद इस्तेमाल करता हूं। विगत में चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता पर अमेरिकी कंपनियों के लिए इंटरनेट प्रोटकॉल के उल्लंघन के रॉस के आरोप पर कार्यक्रम में मित्तल ने ये बातें कही।
मित्तल के मुताबिक, यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने किसनी तेजी से अपनी तकनीक में सुधार किया है कि अब वे काफी आगे हैं, यूरोपीय उत्पादों के मुकाबले कम बिजली खपत करती है, उनके उत्पादों के फुटप्रिंट छोटे हैं और उनकी विशेषताओं का जवाब नहीं है। उनका जवाब तब आया जब रॉस ने हुआवे के कमजोर रिकॉर्ड सामने रखे, जिसने अमेरिका को उस पर पाबंदी लगाने के लिए बाध्य किया क्योंंकि आगामी 5जी तकनीक को लेकर सुरक्षा का जोखिम काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा, अमेरिका में संरक्षणवाद को लेकर हुआवे पर हमारी कार्रवाई का आरोप गलत है। वह अमेरिकी कंपनियों की बड़ी प्रतिस्पर्धी नहीं है, इसके बजाय उनकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां यूरोप की हैं मसलन एरिक्सन व नोकिया। हुआवे पर हमारी चिंता सुरक्षा जोखिम को लेकर है क्योंकि पिछली तकनीकों के मुकाबले 5जी के मामले में यह जोखिम काफी ज्यादा है।
उन्होंने कहा, हालांकि यह अमेरिकी सरकार की राय है, लेकिन भारत को इस पर खुद ही कदम उठाने की दरकार है। पिछली कुछ तिमाहियों से अमेरिका व चीन की सरकारों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी प्रशासन ने उसके उत्पादों के इस्तेमाल पर पूरी पाबंदी लगा दी है। जुलाई में व्यापार युद्ध में नई चीज देखने को मिली और इसके तहत अमेरिकी तकनीकी दिग्गज गूगल ने हुआवे के एंड्रायड फीचर को छोड़ दिया, जो स्मार्टफोन भी बनाती है। अन्य अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों मसलन इंटेल और क्वॉलकॉम ने भी वैश्विक स्तर पर हुआवे से दूरी बना ली।
मित्तल ने कहा, हुआवे पर रॉस की राय अमेरिकी सलाह है, लेकिन इस युद्ध में भारत को अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें पूरा लाभ उठाना चाहिए। अमेरिका की कार्रवाई के बाद हुआवे ने अपनी तकनीक का दरवाजा खोल दिया है और अब वे शुल्क लेकर अमेरिकी कंपनियों के सामने तकनीक विकसित करने की पेशकश कर रहे हैं। ऐसे में यहां विनिर्माण करने की इच्छुक कंपनियों को भी यह फायदा उठाना चाहिए।
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