निकासी पर रोक के खिलाफ जमाकर्ताओं का प्रदर्शन | निधि राय / मुंबई October 01, 2019 | | | | |
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के नाराज जमाकर्ताओं ने आज भारतीय रिजर्व बैंक के मुंबई मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने रिजर्व बैंक से जमा किए गए धन की निकासी की सीमा खत्म किए जाने की मांग की है। रिजर्व बैंक की इस रोक के खिलाफ जमाकर्ता 2 अक्टूबर को शहर भर में मौन यात्राओं का आयोजन करेंगे। वित्तीय सेवा क्षेत्र में काम करने वाले और पीएमसी बैंक में कई खाते खोलने वाले हरप्रीत सिंह गुलेरिया ने कहा कि वह कल होने जा रहे शांति मार्च में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, 'कल छुट्टी है, इसलिए हमें उम्मीद है कि तमाम लोगों का इसमें शामिल होना संभव हो पाएगा। मेरे इस बैंक में 4 बचत खाते, 1 चालू खाता और कुछ फिक्स डिपॉडिट हैं। मेरे माता पिता ने यह खाते 35 साल पहले खोले थे और हम इन खातों को अपनी सुविधा के लिए जारी रखे हुए थे।' जमाकर्ताओं ने 3 अक्टूबर को रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक किए जाने की मांग की, जिससे वे अपने धन निकालने को लेकर बात कर सकें।
रिजर्व बैंक ने 24 सितंबर को पीएमसी बैंक पर कई प्रतिबंध लगए थे। यह प्रतिबंध कुछ ऋण खातों में अनियमितता के आरोप में लगाए गए थे। केंद्रीय बैंक ने किसी भी बचत खाते, चालू खाते या किसी और जमा में से 6 महीने के दौरान सिर्फ 1,000 रुपये निकालने की अनुमति दी थी। अगले दिन रिजर्व बैंंक ने निकासी की सीमा बढ़ाकर अगले 6 महीने के लिए प्रति खाता 10,000 रुपये कर दिया है। जमाकर्ताओं का कहना है कि यह राशि अपर्याप्त है। ऑटिस्टिक बच्चे के पिता गौतम छाबडिय़ा भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने बच्चे और माता पिता के लिए 50 लाख रुपये बचाए हैं। अब मैं उनके मेडिकल बिल का भुगतान करने में भी सक्षम नहीं हूं। सरकार का कोई भी कर्मचारी नहीं सोच रहा है कि इस तरह हो रहा है। हमारी इसमें क्या गलती है?'
पीएमसी बैंक के ग्राहकों के प्रदर्शन में आज कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद संजय निरूपम भी शामिल रहे। निरूपम ने कहा, 'ऌग्राहकों के जमा धन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है और ग्राहकों को अपना धन निकालने की अनुमति नहीं है। यह कैसे स्वीकार्य हो सकता है? गरीब लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।' मेडिकल प्रोफेशनल कावेरी चड्ढा और एकता गुप्ता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। चड्ढा ने कहा कि उन्हें अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में पढ़ रही बिटिया की फीस का भुगतान करना है, लेकिन पूरी बचत पीएमसी बैंक में अटक गई है। गुप्ता भी परेशान हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई बिटिया की शादी करने के लिए इस बैंक में जमा की है। वह पूछती हैं, 'क्या यह पोंजी घोटाला है? मैंने अपना धन सही बैंक में जमा किया और अब वह चला गया। ऐसा कैसे संभव है? हमारी क्या गलती है?'
कुछ और जमाकर्ताओं ने कहा कि नकदी के लिए अब उन्हें अपनी अन्य संपत्तियां बेचनी पड़ेगी। सोमवार को पीएमसी बैंक के चेयरमैन एस वरयाम सिंह, निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस, हाउसिंल डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (एचडीआईएल) और उसके प्रमोटर राकेश और सारंग वाधवा के साथ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। यह प्राथमिकी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपनाध शाखा में दर्ज कराई गई है।
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