देश में उत्पादित गैस के दाम 12 फीसदी घटे | एजेंसियां / नई दिल्ली September 30, 2019 | | | | |
केंद्र सरकार ने सोमवार को पिछले 2.5 वर्षों में पहली बार घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में कटौती की है लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 बेसिन जैसे जटिल क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमतें पूर्व निधारित कीमतों के लगभग समान ही रही हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृति गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार भारत के मौजूदा गैस उत्पादन में अधिकांश हिस्सेदारी रखने वाली सरकारी कंपनियों ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली छह महीने की अवधि के लिए 3.23 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) होगी, जो अब तक 3.69 डॉलर थी।
एक अप्रैल 2017 के बाद कीमतों में पहली बार कटौती की गई है। पीपीएसी के अनुसार, इसके साथ ही सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 9.32 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से घटाकर 8.43 डॉलर कर दी है। सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार (एक अप्रैल तथा एक अक्टूबर) को बैश्श्विक बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए तय करती है। इस गैस का उपयोग उर्वरक का उत्पादन करने तथा बिजली बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही, इससे ऑटोमोबाइल तथा घरों में रसोई गैस के तौर पर उपयोग के लिए सीएनजी में भी परिवर्तित किया जाता है।
इन कीमतों से ओएनजीसी तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे गैस उत्पादकों के राजस्व का भी पता चलता है। पिछली बार एक अप्रैल को कीमतें बढ़ाई गई थीं। इस दौरान कीमतों में 3 वर्ष की सर्वाधिक बढ़ोतरी करते हुए ये 3.69 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी गई थीं। मुश्किल भरे क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमतों में 21.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए कीमतें 9.32 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के रिकॉर्ड स्तर पर कर दी गई थीं। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के समय तय फॉर्मूले को खारिज कर नया फॉर्मूला बनाया था।
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