अगले कुछ दिनों में आएंगे 20,000 करोड़ के बॉन्ड | अनूप रॉय / मुंबई September 24, 2019 | | | | |
पिछले सप्ताह तीन साल की अवधि वाले 7,000 करोड़ रुपये के अपने बॉन्ड को मिली अनुकूल प्रतिक्रिया से उत्साहित एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड (एआईएएच) अगले एक-दो हफ्ते में 15,000 करोड़ रुपये का एक और बॉन्ड जारी करने की योजना बना रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारी कर्ज में डूबी एयर इंडिया की सहायक कंपनी एआईएएच बॉन्ड बिक्री के जरिये फंड जुटाने की कोशिश कर रही है। इसी सिलसिले में यह कंपनी कुछ दिनों में 10 साल की अवधि वाले 15,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की तैयारी में जुटी है।
एयर इंडिया की कोशिश सितंबर के अंत तक करीब 29,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। इसमें से 7,000 करोड़ रुपये की रकम पिछले हफ्ते जारी बॉन्ड की बिक्री से जुटाई जा चुकी है। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। एयर इंडिया के बॉन्ड को भारत सरकार का समर्थन हासिल है। गत सप्ताह जारी तीन साल तीन महीने की मियाद वाले बॉन्ड 6.99 फीसदी पर बिके थे। माना जा रहा है कि 10 वर्ष की अवधि वाले नए बॉन्ड भी प्रतिस्पद्र्धी कीमत पर बेचे जाएंगे और बेंचमार्क सरकारी प्रतिभूति के मुकाबले इसका अंतर कम ही रहने के आसार हैं। दस साल के सरकारी बॉन्ड मंगलवार को 6.78 फीसदी पर बंद हुए।
बॉन्ड जारी करने की तैयारी में कुछ और कंपनियां भी हैं। आरईसी लिमिटेड भी दो बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया में है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को आरईसी 10 वर्ष की अवधि का 1,500 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने वाली है। इसके कुछ दिन बाद ही आरईसी 4 वर्ष तक अवधि वाले 1,200 करोड़ रुपये का एक और बॉन्ड भी लेकर आने वाली है। तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम ओएनजीसी की सहायक इकाई ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस लिमिटेड भी इस हफ्ते 39 महीने की मियाद वाले करीब 500 करोड़ रुपये के बॉन्ड बिक्री के लिए जारी करने वाली है।
एनएचपीसी लिमिटेड भी अगले हफ्ते बाजार से पैसे जुटाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी कर सकती है। इसके अलावा नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नीपको) भी 150 करोड़ रुपये बाजार से जुटाने की तैयारी में है। बॉन्ड को लेकर जारी उत्साह के बीच पिछले हफ्ते कुछ कंपनियों को झटका भी लगा था। उम्मीद से अधिक ब्याज दर की मांग होने पर कुछ कंपनियों ने पेशकश को वापस ले लिया। बैंक ऑफ बड़ौदा को बाजार ने जमा-पत्रों पर 9.40 फीसदी ब्याज की पेशकश की थी लेकिन बैंक ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसी तरह पंजाब एवं सिंध बैंक ने भी जमा-पत्र की पेशकश वापस ले ली। पावर फाइनैंस कॉर्पोरेशन ने भी अपनी पेशकश वापस लेने के साथ 4 अक्टूबर को आरबीआई की नीतिगत घोषणा होने के बाद जारी करने का फैसला किया है।
एक वरिष्ठ बॉन्ड व्यवस्थापक कहते हैं, 'वित्त वर्ष की दूसरी छमाही आमतौर पर व्यस्त रहती है और इस दौरान ढेरों बॉन्ड जारी होते हैं। कुछ बॉन्ड किसी न किसी कारण से वापस ले लिए जाते हैं लेकिन पैसों की तत्काल जरूरत वाली इकाइयां नियमित तौर पर बॉन्ड जारी कर रही हैं।' एनएचएआई, पीएफसी और आरईसी ने अतीत में खुदरा निवेशकों से पैसे जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करने की योजना बनाई थी लेकिन अभी तक कोई भी बॉन्ड नहीं आ सका है। बॉन्ड डीलरों का कहना है कि खुदरा निवेशकों के लिए रुचि लेने के लिहाज से ब्याज दरें काफी कम हैं।
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