सशस्त्र बलों में 75 फीसदी देसी तकनीक का उपयोग: राजनाथ | भाषा / September 19, 2019 | | | | |
स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को उड़ाने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बेंगलूरु में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सशस्त्र बलों में 2029-30 तक 75 फीसदी देशी तकनीक का इस्तेमाल होगा। सिंह ने गुरुवार सुबह बेंगलूरु में एचएएल हवाई अड्डे से तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाया। इसके साथ ही सिंह पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं, जिन्होंने देश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान को उड़ाया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के उत्पादों की प्रदर्शनी के बाद सिंह ने बेंगलूरु में कहा, '2029- 30 तक देशी तकनीक का इस्तेमाल करीब 75 फीसदी हो जाएगा। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि हम इस तरह से देशी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने कहा, 'वह दिन दूर नहीं जब हम अपने देश में ही सौ फीसदी सामान बनाएंगे।' डीआरडीओ की प्रदर्शनी में मंत्री ने कहा, 'आज मैंने जो देखा है और मैंने जो सुना है, उस आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश को आप पर गर्व है।' उन्होंने कहा कि डीआरडीओ न केवल भारत में विश्वसनीय संगठन है बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा, 'हथियार, गोला-बारूद भारत में ही बनाए जा रहे हैं... हम धीरे-धीरे इस तरह से क्षमता निर्माण कर रहे हैं।' सिंह ने कहा कि हमारी निर्यात क्षमता भी बढ़ रही है। मंत्री ने कहा, 'हाल में विकसित एसैट (उपग्रह भेदी) मिसाइल, बालाकोट हवाई हमले में नेत्र का इस्तेमाल और हाल में हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल अस्त्र का सफल परीक्षण दिखाता है कि डीआरडीओ में देश का विश्वास मजबूत हुआ है।'
नेत्र एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूसी) विमान है और फरवरी में भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट (पाकिस्तान) में किए गए हवाई हमले में इसने अहम भूमिका निभाई थी। सिंह ने कहा, 'प्रदर्शनी में निजी उद्योगों की भागीदारी भी दिखती है। हम बड़े उद्योगपतियों के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते।'
|