तेल संकट बढ़ाएगा हवाई किराया | अनीश फडणीस / मुंबई September 16, 2019 | | | | |
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से देसी विमानन कंपनियां इस महीने के आखिर से किराया बढ़ाने की अपनी योजना को पहले ही लागू करने के लिए बाध्य हो सकती हैं। एक निजी विमानन कंपनी के अधिकारी ने कहा, अक्टूबर-नवंबर में यात्रा के लिए औसत किराए का स्तर कम से कम 10-15 फीसदी बढ़ सकता है और इसमें बढ़ोतरीसितंबर के आखिरी हफ्ते से हो सकती है। लेकिन अगर कच्चे तेल की कीमतें उच्चस्तर पर बनी रहती है तो विमानन कंपनियां किराए में पहले ही बढ़ोतरी कर सकती हैं। कच्चे तेल की कीमतें आज करीब 20 फीसदी उछल गई थी और अंत में 10 फीसदी ऊपर रही। इसकी वजह सऊदी अरब में तेल रिफाइनरियों पर ड्रोन हमले के बाद आपूर्ति में पैदा हुआ अवरोध है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आश्वस्त किया है कि भारत में तेल की आपूर्ति पर असर नहीं होगा, लेकिन इस हमले ने बाजार को झकझोर दिया और इंडिगो व स्पाइसजेट के शेयर कीमतों में क्रमश: 2.7 फीसदी और 4 फीसदी की गिरावट की अगुआई की।
एयर इंडिया के एक वरिषष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा, अगर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहती है तो हमें हवाई किराया बढ़ाने का फैसला लेना पड़ेगा। हम कच्चे तेल की कीमतों पर नजर रखे हुए हैं। सरकारी विमानन कंपनी पहले से ही र्ईंधन के भुगतान से जूझ रही है जो सालाना करीब 6,000-7,000 करोड़ रुपये बैठता है। कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का मतलब होगा विमानन कंपनी के लिए 50-58 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत। जनवरी व जुलाई के बीच देसी हवाई परिवहन में 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, लेकिन विमानन कंपनियों को पिछले साल के मुकाबले र्ईंधन की कम कीमत का फायदा मिला है। कमजोर रुपये के साथ कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें विमानन कंपनियों को झटका देगी। अभी तक विमानन कंपनियां मांग घटने के डर से किराया बढ़ाने से बचती रही हैं। यात्रा डॉट कॉम के मुख्य परिचालन अधिकारी (बी2सी) शरत ढल का मानना है कि विमानन कंपनियां इस महीने के आखिर तक किराया बढ़ाने पर फैसला लेगी। उन्होंने कहा, अभी तक ट्रैवल की मांग काफी मजबूत नहीं रही है और मेरा मानना है कि कंपनियां एक पखवाड़े में किराया बढ़ाने पर फैसला लेगी।
आखिरी मिनट का किराया मुंबई-बेंंगलूरु और मुंबई-दिल्ली जैसे व्यस्त मार्ग पर 2,000-3,000 रुपये ज्यादा है। एविएशन कंसल्टेंसी सीएपीए ने एक ट्वीट में कहा है, सऊदी तेल क्षेत्र पर हमले का भारतीय विमानन कंपनियों पर असर इस पर निर्भर करेगा कि आपूर्ति कितने समय तक प्रभावित रहती है। दूसरी तिमाही में न्यूनतम असर रहने की संभावना है, जो पूरा गया है लेकिन तीसरी तिमाही में इसका असर दिख सकता है। एक निजी विमानन कंपनी के अधिकारी ने कहा, ज्यादातर विमानन कंपनियां कच्चे तेल की कीमतें 60-65 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहने पर सहज महसूस करेंगी। कम किराए के चलते दूसरी तिमाही के लाभ पर असर होगा, लेकिन यह पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहेगा।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने पिछले हफ्ते टिकट की कीमतों में इस वित्त वर्ष के दौरान 7 से 9 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था, जिसकी वजह जेट एयरवेज के बंद होने के बाद क्षमता का सीमित जुड़ाव है। क्रिसिल ने देसी हवाई परिवाहन में वित्त वर्ष 2020 के दौरान 6 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान जताया है, जो मार्च 2019 में समाप्त वर्ष में 19 फीसदी बढ़ा था। इसकी वजह जेट एयरवेज का बंद होना है। विमानन किराए में 7 से 9 फीसदी की संभावित बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2013 के बाद का सर्वोच्च स्तर होगी, जब किंगफिशर एयरलाइंस बंद हुई थी।
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