बैंकों को आयात करना पड़ रहा है महंगा सोना | राजेश भयानी / मुंबई September 15, 2019 | | | | |
सोना आयात के लिए अधिकृत बैंकों में तकरीबन एक दर्जन से अधिक को यह महंगी धातु आभूषण कारोाबरियों को उधार देने के लिए विदेश से इसका आयात करना पड़ रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब घरेलू बाजार में सोना छूट पर खरीदा जा सकता है। मुंबई के जवेरी बाजार में सोने का कारोबार अंतरराष्टï्रीय बाजार के मुकाबले 2 प्रतिशत नीचे हो रहा है। हालांकि बैंकिंग नियमन अधिनियम के तहत लगी पाबंदियों के मद्देनजर बैंकों को भारत में सोना खरीदने की इजाजत नहीं है। वे देसी बाजार में सोने की केवल बिक्री कर सकते हैं या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मिली अनुमति के तहत उपभोक्ता या कारोबारियों के लिए इसका आयात कर सकते हैं।
शुक्रवार को जवेरी बाजार में सोना प्रति 10 ग्राम 37,478 रुपये पर खुला, जो आयातित सोने के मुकाबले 1,000 रुपये सस्ता था। प्रति ओंस यह छूट 40 डॉलर से अधिक हो जाती है और घरेलू रिफाइनरियों से सोना खरीदने की इजाजत नहीं होने के कारण बैंकों को यह अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ रही है। आभूषण व्यापारी और कारोबारी स्थानीय बाजार से सोना खरीदते हैं और उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सोना आयातित है या घरेलू बाजार में पहले से मौजूद है। एमएमटीसी पीएएमएस लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) से मान्यता प्राप्त भारत में एकमात्र रिफाइनरी है। एमएमटीसी पीएएमपीएस अंतरराष्टï्रीय मानदंडों के हिसाब से सोने की बिक्री करता है। इस उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'बैंक इनसे भी सोना नहीं खरीद सकते हैं।'
कोटक महिंद्रा बैंक में वरिष्ठï कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं कारोबार प्रमुख (ग्लोबल ट्रांजेक् शन सर्विसेस ऐंड प्रीसियस मेटल्स) शेखर भंडारी कहते हैं, 'घरेलू बाजार में सोना जब आयातित सोने के मुकाबले 2 प्रतिशत छूट पर मिल रहा है तो बैंकों को स्थानीय स्तर पर सोना खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर बैंक स्थानीय स्तर पर सोना खरीदते हैं तो इससे बाजार में भी स्थिरता आएगी।'
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