उत्तर प्रदेश सरकार की कृषि निर्यात नीति घोषित | वीरेंद्र सिंह रावत / लखनऊ September 10, 2019 | | | | |
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज किसानों की आय बढ़ाने और कृषि जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पहली कृषि निर्यात नीति की घोषणा की। इस नीति में कृषि निर्यात के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने, निर्यात उन्मुख जिंसों को बढ़ावा देने और राज्य में कृषि की पर्यावरण अनुकूल किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करने का भी प्रयास किया गया है। इस नीति को यहां आज दोपहर बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य के मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बाद में मीडिया को बताया कि नई कृषि निर्यात नीति से लैस राज्य ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की मदद से 2024 तक कृषि जिंसों का निर्यात दोगुना करके करीब 17,571 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। इस नीति के तहत सरकार छूट प्रदान करते हुए कम से कम 50 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में निर्यात उन्मुख जिंसों की क्लस्टर (समूह) खेती को बढ़ावा देगी। उदाहरण के लिए राज्य पांच साल की अवधि के दौरान 50-100 हेक्टेयर वाले क्लस्टर के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगा। पहले वर्ष में ही 40 प्रतिशत राशि प्रदान की जाएगी। हालांकि क्लस्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना के तहत लाभ का पात्र बनने के लिए उत्पादन का कम से कम 30 प्रतिशत भाग निर्यात किया जाएगा। इसके अलावा आयात करने वाले संबंधित देशों के मानकों के अनुसार कृषि की सही कार्यप्रणाली का भी पालन होना चाहिए।
इसके अतिरिक्त इस नीति का उद्देश्य ऐसे क्लस्टरों के आसपास के क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देना है। हालांकि ऐसी इकाइयों को 25 लाख रुपये की अधिकतम सीमा वाली सब्सिडी राशि प्राप्त करने के लिए 40 प्रतिशत उत्पादन का निर्यात करने की आवश्यकता होगी। यह सब्सिडी उस मौजूदा सब्सिडी के अतिरिक्त होगी जो औद्योगिक विकास और खाद्य प्रसंस्करण सब्सिडी के तहत मिलती है। चूंकि उत्तर प्रदेश चारों तरफ से जमीन से घिरा हुआ राज्य है इसलिए सरकार ने कृषि निर्यात नीति के तहत निर्यात खेपों के लिए परिवहन सब्सिडी प्रदान करने का भी फैसला किया है। उपयुक्त कृषि जिंसों को हवाई और समुद्री परिवहन के लिए निर्यात सब्सिडी के रूप में क्रमश: प्रति किलोग्राम 10 रुपये और पांच रुपये दिए जाएंगे। साथ ही कृषि निर्यात पाठ्यक्रम करने वाले छात्रों को इस बढ़ते क्षेत्र में नए युग के पेशेवर तैयार करने के लिए फीस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए अपनी धान खरीद नीति का भी ऐलान किया है। इसके तहत सरकार ने 50 लाख टन की धान खरीद का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने धान खरीद नीति को अनुमोदित करते हुए सामान्य किस्म का धान 1,850 रुपये प्रति क्विंटल तथा ए श्रेणी का धान 1,837 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि धान की छान-बीन के लिए किसानों को 20 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अतिरिक्त धनराशि चुकाई जाएगी। शर्मा ने कहा कि वर्ष 2018-19 में 48,25,000 टन धान खरीदा गया था। 2019-20 में 50 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। धान खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल 28 फरवरी तक जारी रहेगी।
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