तिहाड़ में सामान्य बीता चिदंबरम का पहला दिन | भाषा / September 06, 2019 | | | | |
तिहाड़ जेल में लकड़ी के तख्ते पर करवटें बदलते हुए बिताई गई रात के बाद पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को अपने दिन की शुरूआत जेल परिसर में टहलने के साथ की। इसके बाद उन्होंने कुछ किताबें पढ़ीं और बेटे कार्ति के साथ मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता रात को ज्यादा सो नहीं सके। उन्होंने धार्मिक पुस्तकें और समाचार पत्र पढ़ कर अपनी सुबह बिताई। इसके बाद दिन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के बेटे ने उनसे मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ राजनेता ने सोने के लिए चारपाई की मांग की लेकिन जेल डॉक्टर की जांच के बाद अगर उन्हें जरूरी लगेगा तो यह दी जाएगी। पूर्व मंत्री जेल नंबर सात में बंद हैं। यहां सामान्य तौर पर उन लोगों को रखा जाता है जो प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में आरोपी होते हैं। कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकारों के दौरान वित्त एवं गृह मंत्री रह चुके वरिष्ठ राजनेता को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में यहां की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। चिदंबरम 16 सितंबर को 74 साल के हो जाएंगे और अगर इससे पहले उन्हें जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें अपना जन्मदिन जेल में ही बिताना होगा।
कारागार अधिकारी ने बताया कि अदालत के आदेशानुसार उन्हें अलग प्रकोष्ठ और पश्चिमी शैली के शौचालय की सुविधा दी गई है। इसके अलावा उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है। अन्य कैदियों की तरह कांग्रेस नेता कारागार के पुस्तकालय तक जा सकते हैं और एक खास समय तक टीवी देख सकते हैं। चिदंबरम को उनका विशेष प्रकोष्ठ दिए जाने से पहले उन्होंने अनिवार्य मेडिकल परीक्षण करवाया। पिछले साल इसी मामले में, चिदंबरम का बेटा कार्ति इसी प्रकोष्ठ में 12 दिनों तक बंद था। अधिकारी ने बताया कि चिदंबरम के जेल प्रकोष्ठ को पहले ही तैयार कर दिया गया था क्योंकि जेल अधिकारियों को आभास था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ चल रहे अदालती मामलों के मद्देनजर उन्हें यहां लाया जा सकता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को भी इसी जेल में बंद किया गया है।
'केंद्र को कुछ तो सम्मान दिखाना चाहिए था'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेजे जाने के तरीके की शुक्रवार को आलोचना की। उन्होंने यहां राज्य विधानसभा में कहा कि केंद्र सरकार को उनके प्रति कुछ तो सम्मान दिखाना चाहिए था। ममता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि चिदंबरम मामला क्या है। कानून अपना काम करेगा। लेकिन उन्हें साधारण कैदी की तरह तिहाड़ जेल में रखे जाने का क्या मकसद है? उन्हें चिदंबरम के प्रति थोड़ा तो सम्मान दिखाना चाहिए था।
|