वित्त मंत्रालय ने सरकारी कंपनियों से निवेश बढ़ाने को कहा | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली September 06, 2019 | | | | |
वित्त मंत्रालय ने आज बड़ी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (सीपीएसई) से निवेश गतिविधियां बढ़ाने और विभिन्न परियोजनाओं के लिए जारी भुगतान की निगरानी करने को कहा है, जिससे अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि 6 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न और नवरत्न कंपनियों के प्रमुखों और वित्त मंत्रालय के बीच हुई बैठक में यह भी कहा गया है कि विवादों के कारण फंसे बकाये के भुगतान के मामले जल्द सुलझाए जाएं।
आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और व्यय सचिव सीजी मुर्मू की संयुक्त अध्यक्षता में हुई बैठक में बुनियादी ढांचे से जुड़े मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों ने भी हिस्सा लिया और इसमें विभिन्न सीपीएसई और मंत्रालयों के पूंजीगत व्यय की समीक्षा की गई। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'निवेश गतिविधियों को गति देने और व्यय योजना का पालन करने को लेकर वे सहमत थे।' बयान में आगे कहा गया है कि बगैर देरी किए खरीद और अन्य सौदों के लिए 'जारी भुगतान की निगरानी' पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिससे समयबद्ध तरीके से नकदी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
इस बैठक में विवादों के कारण रुके हुए भुगतान के समाधान पर चर्चा हुई। इसमें कहा गया है, 'वित्त मंत्रालय लगातार मंत्रालयों और सीपीएसई की बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करेगा और आगे और भी बैठकें आयोजित की जाएंगी।'
बैठक के बाद ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक एनसी पांडेय ने कहा कि 87,000 करोड़ रुपये की 27 परियोजनाओं पर काम होना है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इन परियोजनाओं को 3-4 साल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम सही राह पर हैं। हमें उम्मीद है कि ये परियोजनाएं समय से पूरी कर ली जाएंगी।'
भुगतान से जुड़े मसलो पर पांडेय ने कहा कि बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि निर्धारित तिथि से पहले भुगतान करने के लिए कवायद की जानी चाहिए। अर्थव्यवस्था की सकल नियत पूंजी सृजन घटकर वित्त वर्ष 20 की पहली तिमाही में 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 19 की चौथी तिमाही में 3.4 प्रतिशत था। ओएनजीसी के अलावा पीजीसीआईएल, एनटीपीसी, एनएचएआई, एसएआईएल, जीईएम के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। रेलवे, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी, बिजली, नागरिक उड्डयन, आवास एवं शहरी मामलों, जल संसाधन, ग्रामीण विकास और मानव संसाधन विकास मंत्रायोंं के वित्तीय सलाहकारों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। गुरुवार को चक्रवर्ती और मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, टेलीकॉम, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियोंं के साथ बैठक कर पूंजीगत व्यय कार्यक्रम की समीक्षा की थी।
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