वित्त मंत्रालय ने कहा कि पूंजीगत व्यय बढ़ाएं विभाग व पीएसयू | अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली September 05, 2019 | | | | |
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में नकदी बढ़ाने की मोदी सरकार की कवायद के तहत वित्त मंत्रालय के अधिकारी अन्य विभागों व सरकारी फर्मों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। पीएसयू को कहा जा रहा है कि वे पूंजीगत व्यय बढ़ाएं वहीं खासकर बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े विभागों को आवंटित राशि से व्यय बढ़ाने व ठेकेदारों के बकाया भुगतान जारी करने को कहा गया है। गुरुवार को आर्थिक ममलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, रेलवे, दूरसंचार और हाउसिंग एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ बैठक कर उनके पूंजीगत व्यय कार्यक्रम की समीक्षा की।
उम्मीद की जा रही है कि दोनोंं सचिव बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े अन्य विभागों के अलावा सरकारी उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रबंध निदेशकों के साथ शुक्रवार को बैठक करेंगे। एक अधिकारी ने कहा, 'विभागों को कहा गया है कि वे ठेकेदारों के लंबित बकाये का खासकर एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े ठेकेदारों भुगतान करें। उन्हें निर्देश दिया गया है कि पूंजीगत व्यय क ा आवंटन करें, जबकि पीएसयू को पूंजीगत व्यय बढ़ाने को कहा जा रहा है। इसके पीछे विचार यह है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में ज्यादा नकदी आ सके।'
पूंजीगत व्यय की समीक्षा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बुनियादी ढांचा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के महज एक दिन बाद की गई है। पिछले एक महीने के दौरान सीतारमण ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियोंं के साथ बैठकें की हैं। यह बैठक ऐसे समह में हुई है, जब भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में गिरकर 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार और निजी क्षेत्र की ओर से बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर पूंजीगत व्यय से मंदी से निपटा जा सकता है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था का आकार अगले 5 साल में दोगुना होकर 5 लाख करोड़ डालर हो जाएगा। इसे प्रशासन ने अपना लक्ष्य बनाया है। सरकार की चालू वित्त वर्ष में 3.3 लाख करोड़ रुपये के पूंजी व्यय की योजना है। इसमें रेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालय का व्यय भी शामिल है। इसके अलावा विभिन्न केंद्रीय लोक उपक्रमों ने भी विस्तार और क्षमता बढ़ाने के लिए पूंजी व्यय का निर्धारण किया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में पूंजी व्यय के संदर्भ में विभिन्न केंद्रीय लोक उवक्रमों की प्रगति की समीक्षा करेगा। सूत्रों के मुताबिक चूंकि निजी क्षेत्र से निवेश नहीं आ रहा है, ऐसे में सर्वाधिक निवेश करने के संदर्भ में सरकार तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां प्रमुख हैं। यह नकदी तथा मांग बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। बैठक की अध्यक्षता व्यय सचिव जीसरी मुर्मू करेंगे। बैठक में लंबित भुगतान से जुड़े मुद्दों की भी समीक्षा की जाएगी।
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