मॉनसून तेज, कृषि जिंसों के दाम गिरे | दिलीप कुमार झा / मुंबई September 05, 2019 | | | | |
इस मॉनसून सीजन में बारिश के फिर से जोर पकडऩे से खरीफ के उत्पादन में सुधार और 2020 में रबी फसल के लिए मौसम की अनुकूल परिस्थिति की उम्मीद से पिछले तीन दिनों के दौरान कृषि जिंसों के दामों में गिरावट आई है। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) का बेंचमार्क एग्री इंडेक्स (एनकृषि - जिसे पहले धान्य के रूप में जाना जाता था) पिछले दो दिनों में देश भर में लगातार बारिश के बाद बुधवार को एक प्रतिशत से भी ज्यादा फिसल गया। सितंबर के पहले तीन दिनों में सूचकांक में करीब 2.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है जिससे कृषि जिंसों की कीमतों में और गिरावट आने का खतरा पैदा हो गया है।
बेंचमार्क कृषि सूचकांक में यह गिरावट उन व्यापारियों और स्टॉकिस्टों के पास रखी कृषि जिंसों की व्यापक बिक्री की ओर इशारा करती है जो उत्पादन में गिरावट के पिछले संकेतों के आधार पर दामों में सुधार की उम्मीद कर रहे थे। दक्षिण पश्चिम मॉनसून में तीन सप्ताह की देरी, बारिश के असमान वितरण के बाद बाढ़ और अन्य प्रमुख कृषि उपज वाले इलाकों में सूखे से इस सीजन में खरीफ उत्पादन में कमी का डर बन गया था जिससे कीमतों में वृद्धि हुई थी। अब मॉनसून की वर्षा में सुधार के कारण खरीफ उत्पादन में सुधार की उम्मीद जगी है। जून में दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) में 30 प्रतिशत की कमी के बाद अगस्त में एक प्रतिशत से ज्यादा की अधिकता हो चुकी है। सितंबर की वर्षा से भूमिगत जल स्तर और जलाशयों के फिर से भरने की उम्मीद जगी है जिसके परिणामस्वरूप बढिय़ा रबी फसल के लिए मिट्टी में नमी की पर्याप्त मात्रा होगी।
आनंद राठी शेयर ऐंड स्टॉकब्रोकर्स के निदेशक (जिंस और मुद्रा) नवीन माथुर ने कहा कि अगस्त में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का दोबारा तेजी से जोर पकडऩा कई खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। हालांकि अधिक बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में फसल नुकसान की सूचना दी गई है लेकिन यह काफी कम है। साथ ही चने और सरसों समेत रबी फसलों के लिए सितंबर में अच्छी बारिश (जैसा कि मौसम एजेंसियों ने पूर्वानुमान जताया है) बुआई के लिए मिट्टी को बेहतर नमी प्रदान करेगी। इसके अलावा सरकार के पास चने और सरसों की खरीद का बड़ा स्टॉक पड़ा है। इन दोनों जिंसों की कीमतों पर दबाव रहेगा।
इस बीच सोयाबीन और कपास की बुआई पिछले साल की तुलना में अधिक रहने की खबर है। इस कारण अधिक बारिश से उपज को होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाएगी। बारिश में देरी की वजह से इस सीजन में खरीफ की दलहन (मूंग) का रकबा कम हुआ है, लेकिन शुरुआती फसल की कटाई शुरू हो चुकी है। इस तरह कीमतों पर आपूर्ति का दबाव रहेगा। देश में पिछले तीन वर्षों के दौरान 15 प्रतिशत की कुल वृद्धि के साथ खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस रिकॉर्ड उत्पादन की वजह से सरकार ने विशाल बफर स्टॉक तैयार किया है जिससे दाम वृद्धि पर लगाम रहने के आसार हैं। कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (जिंस अनुसंधान प्रमुख) रवींद्र वी राव ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों के दौरान सभी प्रमुख खरीफ फसलों के नरम रहने की उम्मीद है क्योंकि नई फसल की आवक से बाजार में आपूर्ति का दबाव बनेगा। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते का कोई संकेत नहीं दिख रहा है जिससे इस वर्ष वैश्विक हिस्सेदारी (सोयाबीन और कपास की) अधिक रहेगी।
बंपर उपज होगी : तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि खरीफ फसलों की स्थिति बेहतर है और देश में बंपर खाद्यान्न उत्पादन होने के आसार हैं। तोमर ने नई दिल्ली में एक सम्मेलन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने किसानों को उर्वरकों के संतुलन का उपयोग करने के लिए बुआई से पहले खेत की मिट्टी की गुणवत्ता स्थिति को जांचने को कहा। तोमर ने रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के बारे में चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 12 करोड़ किसानों को प्राथमिकता के आधार पर और मिशन मोड में मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए।
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