समझौतों के साथ भारत रूस संबंधों में नई बहार | भाषा / September 04, 2019 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 दिवसीय रूस यात्रा के दौरान भारत और रूस ने बुधवार को चेन्नई और व्लादिवोस्तोक बंदरगाहों के बीच एक समुद्री मार्ग खोलने पर सहमति जताई जिससे दोनों देशों के बीच संपर्क सुनिश्चित किया जा सके। भारत के पोत परिवहन मंत्रालय और रूस के परिवहन मंत्रालय ने रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में व्लादिवोस्तोक और चेन्नई बंदरगाहों के बीच समुद्री यातायात के विकास के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से बातचीत की। इसके अलावा भारत-रूस रक्षा संबंधों में अहम प्रगति हुई और दोनों देशों के बीच रणनीति साझेदारी के तहत भारत रूसी सैन्य उपकरणों के लिए स्पेयर पाट्र्स और दूसरे सामानों का निर्माण शुरू करेगा। भारत ने रूस के साथ हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग के लिए एक रोडमैप पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके तहत रूस भारत को कोकिंग कोयले की आपूर्ति करेगा और दोनों देशों ने पनबिजली तथा तापीय ऊर्जा में साझेदारी का भी विस्तार किया।
मोदी रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वह गुरुवार को ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में भी शामिल होंगे। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, 'चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री यातायात मार्ग खुलने से दो बड़े बंदरगाहों के बीच संपर्क जुड़ेगा और भारत तथा सुदूर पूर्वी रूस के बीच सहयोग को गति मिलेगी।' गोखले ने कहा कि भारत न केवल रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर बल्कि संसाधन, वन और कृषि क्षेत्रों पर भी नजर बनाए हुए है। इससे पहले मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत के बाद कहा था कि उन्होंने व्यापार, निवेश, तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष एवं समुद्री संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
भारत और रूस ने औद्योगिक सहयोग बढ़ाने और नई तकनीक और निवेश साझेदारी बनाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही वर्ष 2025 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 30 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। दोनों देश आपसी सौदों में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग जारी रखेंगे। राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम दोनों किसी भी देश के आंतरिक मामले में बाहरी प्रभाव के खिलाफ हैं।' मोदी की यह टिप्पणी भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में आई है। रूस ने जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि यह परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के अनुरूप है। दोनों नेताओं ने 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की।
दोनों पक्षों ने रक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और व्यापार जैसे क्षेत्रों में 15 समझौतों या सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के महत्त्वाकांक्षी मानवीय अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए रूस भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करेगा। गगनयान की पहली उड़ान 2022 में होगी जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री होंगे। अंतरिक्ष यात्रियों को सशस्त्र बलों के पायलटों में से चुना जाएगा।
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