सोना महंगा तो रिजर्व बैंक ने भी हाथ रोका | राजेश भयानी / मुंबई September 04, 2019 | | | | |
सोने के दामों में इजाफे की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल करने के लिए स्वर्ण खरीद पर विराम लगा दिया है। अप्रैल में 5.6 टन की अंतिम खरीद के बाद इसने भंडार के लिए सोने की किसी खरीद की बात नहीं कही है। भारतीय उपभोक्ताओं ने भी केंद्रीय बैंक की राह पर चलते हुए मांग में कमी की है जिसके परिणामस्वरूप पिछले दो महीने में सोने के आयात में तीव्र गिरावट आई है। अगस्त में आयात गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सांख्यिकी (आईएफएस) के आंकड़ों के अनुसार आरबीआई ने इस साल अप्रैल से अपने विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में 618 टन सोना रखा हुआ है। हालांकि भारतीय उपभोक्ताओं ने अप्रैल-जून तिमाही में तेज खरीदारी की थी लेकिन जुलाई में सोने का आयात एक साल पहले के 72 टन के मुकाबले घटकर 38 टन रह गया। रुपये के हिसाब से सोने के दाम एक तिमाही में करीब 25 प्रतिशत बढ़ चुके हैं जो स्वर्ण आयात के बढ़ते बिल के लिए स्वाभाविक रुकावट के तौर पर काम कर रहे हैं। अप्रैल- जुलाई की अवधि में सोने के आयात बिल में 15.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अलबत्ता इस बात के सभी संकेत मौजूद हैं कि आगे की मांग अधिक कीमतों की वजह से कम रहने वाली है।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि सोने का आयात या चालू खाता घाटा अब प्रमुख मसला नहीं है। हाल ही के कुछ महीनों में भारतीय मुद्रा के हिसाब से कीमतों में 25 प्रतिशत की वृद्धि होने की वजह से सोने को पहले ही सुस्त मांग का सामना करना पड़ रहा है जो स्वाभाविक रूप से खरीद में बाधा डाल रही है। आगे किसी भी कमी से न केवल इस उद्योग का संकट बढ़ेगा, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार को सहारा देने वाले पूर्वानुमानों की नकारात्मक धारणा भी बढ़ जाएगी। आयात पहले ही कई वर्ष के निचले स्तर पर है जिसका स्थान पुराने सोने के बढ़ते स्तर ने ले लिया है। यह 2019 में अभूतपूर्व स्तर पर जा सकता है।
दामों में इजाफा होने से रिसाइकल्ड या पुराने सोने की बिक्री में तीव्र वृद्धि देखी गई है। जून तिमाही में नकदी के एवज मेंऐसी बिक्री 37 टन थी और इसमें इजाफा ही हो रहा है। जवेरी बाजार के एक व्यापारी ने कहा कि पुराने सोने के औसत व्यापारी को पहले दो किलो पुराना सोना प्राप्त हो रहा था जो अब पांच गुना बढ़कर 10 किलो हो गया है। इस बीच वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों ने भी जुलाई में सोने की खरीद को धीमा कर दिया है। विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा आज जारी रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने भी जुलाई में सोने की खरीद कम कर दी है। इसके नवीनतम आंकड़े उपलब्ध हैं। डब्ल्यूजीसी ने एक बयान में अपने निदेशक (बाजार सूचना) एलिस्टेयर हेविट के हवाले से कहा कि जुलाई में केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई सोने की शुद्ध खरीद काफी कम 13.1 टन रही। यह जून की तुलना में 90 प्रतिशत कम और अगस्त 2017 के बाद से शुद्ध मासिक खरीद में सबसे निचले स्तर पर रही। इसमें से एक टन या अधिक की सकल खरीद कुल मिलाकर 35.5 टन रही, जबकि 22.4 टन की सकल बिक्री पूरी तरह से उजबेकिस्तान के स्वर्ण भंडार में कटौती की वजह से हुई थी।
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