उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपीरेरा) ई-कोर्ट की शुरुआत करेगा। यूपी रेरा इसी साल नवंबर में ई-कोर्ट के जरिये संपत्तियों के विवादों की सुनवाई शुरू कर देगी। यूपी रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार के मुताबिक ई-कोर्ट कागजी झंझटों से वादकारी को मुक्ति दिलाएंगी और उन्हें अपने वाद से संबंधित सभी जानकारी सीधे ऑनलाइन मिल सकेगी। रेरा विधि स्नातकों को बतौर प्रशिक्षु अपने यहां प्रशिक्षण भी दे रहा है, जो आगे चलकर जमीन-जायदाद संबंधी विवादों की पैरवी करेंगे। रेरा के उत्तर प्रदेश में एक साल पूरा होने के मौके पर उन्होंने बताया कि जल्द ही संस्था सभी आवासीय व वाणिज्यिक परियोजनाओं की ग्रेडिंग कराएगी। परियोजनाओं की ग्रेडिंग के लिए निजी सलाहकार कंपनी क्रिसिल की सेवाएं ली जा रही हैं। राजीव कुमार के मुताबिक अगले तीन से चार महीनों में ग्रेडिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसका फायदा मकान खरीदारों से लेकर डेवलपरों को होगा। रेरा अध्यक्ष ने बताया कि रियल एस्टेट परियोजनाओं की फॉरेंसिक व वित्तीय ऑडिट के लिए ऑडिट फर्मों का एक पैनल तैयार किया है। इसमें आईसीएआई के पंजीकृत ऑडिटरों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अपने गठन से लेकर अब तक यूपी रेरा ने 846 रिकवरी नोटिस जारी किए हैं।
