बिहार में आवास ऋण पर रियायत देने में बैंक सुस्त | सत्यव्रत मिश्रा / पटना September 02, 2019 | | | | |
बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ब्याज रियायत देने में बैंकों की भूमिका सुस्त रही है। बैंकों ने पिछले चार वर्षों में महज 42 करोड़ रुपये की रियायत दी है। राज्य सरकार ने बैंकों से इस बाबत खास ध्यान देने को कहा है। दरअसल केंद्र सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास देने के अपने लक्ष्य के तहत इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत अपना पहला घर बनाने या खरीदने के लिए बैंक से कर्ज लेने पर केंद्र सरकार 6.5 फीसदी तक की ब्याज सब्सिडी देती है। यह योजना अप्रैल 2015 से लागू हुई है और अगले वर्ष मार्च में इसकी मियाद पूरी होने वाली है। हालांकि राज्य में बैंक इस योजना में रुचि नहीं दिखा रही हैं, इसलिए तो राज्य में पिछले चार वर्षों में 0.5 फ ीसदी से कम लोगों को भी इस योजना का लाभ मिल सका है। पिछले चार वर्षों में कुल मिलाकर 67,070 लोगों को घर खरीदने या बनाने के लिए कर्ज दिया, जिनमें अब तक महज 1ए987 को ही इसका लाभ मिला है। कुल मिलाकर राज्य के लोगों को अब तक महज 41 करोड़ रुपये की ही ब्याज रियायत इस माध्यम से मिली है।
कई बैंकों का तो इस बारे में रिकॉर्ड बेहद खराब है। पंजाब नैशनल बैंक ने बिहार में 2015 से अब तक 4,824 लोगों को आवास ऋण दिया, लेकिन इस योजना का एक भी लाभ नहीं दिया गया। साथ ही, बैंक ऑफ इंडिया ने भी पिछले चार वर्षों में 4,089 आवास ऋण मंजूर किए, लेकिन अब तक महज तीन लोगों को अब तक इस योजना का लाभ मिल सका है। हालांकि इलाहाबाद बैंक ने आवास ऋण के 3,800 से ज्यादा आवेदन स्वीकार किए, जिसमें से महज एक दर्जन लोगों को ही इस योजना का लाभ मिला है। इस बारे में सबसे अच्छा प्रदर्शन भारतीय स्टेट बैंक का रहा।
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