जून तिमाही में आईटी उद्योग ने की रिकॉर्ड भर्तियां | देवाशिष महापात्र / बेंगलूरू August 26, 2019 | | | | |
भारतीय आईटी उद्योग ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में रिकॉर्ड 85,000 नई भर्तियां की हैं। इक्विटी रिसर्च फर्म सीएलएसए की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह साल में आईटी उद्योग में यह किसी भी एक तिमाही में कर्मचारियों की संख्या में सर्वाधिक शुद्ध वृद्धि है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी कंपनियां मजबूत मांग की उम्मीद में जोर-शोर से नई भर्तियां की हैं। एच-1बी वीजा नियमों में सख्ती के बाद आईटी कंपनियों ने ऑनसाइट लोकेशनों पर भी अच्छी-खासी संख्या में नई भर्तियां की हैं, जिससे भी कुछ भर्तियां का आंकड़ा बढ़ा है।
सीएलएसए के अनुसार भारतीय आईटी उद्योग ने वित्त वर्ष 2013 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 50,000 नई भर्तियां की थीं, जो वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही में घटकर 38,000 रह गई थी। आईटी सेवाओं की अच्छी मांग के बीच वित्त वर्ष 2016 की जून तिमाही में यह बढ़कर 70,000 के स्तर पर पहुंच गई। लेकिन इसके बाद से कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सतर्क हो गईं। वित्त वर्ष 2018 की जनवरी-मार्च तिमाही में आईटी उद्योग ने केवल 10,000 नए लोगों को काम पर रखा। इसके बाद भी नई भर्तियों में वृद्धि की दर धीमी ही रही।
आईटी पारीक कंसल्टिंग के आउटसोर्सिंग एडवाइजर एवं संस्थापक पारीक जैन ने कहा, 'भारतीय आईटी कंपनियों में नियुक्ति का रुझान देखें तो यह एक अलग तरह का चक्र दिखता है। अधिकांश घरेलू आईटी फर्में मांग की उम्मीद में भर्तियां की हैं, जिसे ये फर्में भुनाना चाहती हैं।' उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही नई भर्तियों में काफी संख्या में ऑनसाइट कर्मचारियों की है क्योंकि कंपनियां अपने ग्राहकों के देश में स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं।'
जून 2019 तिमाही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने 12,356 कर्मचारियों को नियुक्त किया जो कंपनी की ओर से पिछले पांच साल में की गई सबसे अधिक भर्तियां हैं। टीसीएस ने यह भी कहा कि उसने 30,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्ति पत्र जारी किए हैं, जिनमें से करीब 40 फीसदी ने जून तिमाही में कंपनी में योगदान किया है। इसी तरह विप्रो ने जून तिमाही में 3,425 कर्मचारियों की नियुक्ति की, जिससे उसके कुल कर्मचारियों की संख्या 1,74,850 हो गई है। हालांकि इन्फोसिस ने जून तिमाही में 8,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की लेकिन कर्मचारियों की कंपनी छोड़कर जाने की दर अधिक होने की वजह से
कर्मचारियों की संख्या में शुद्ध वृद्धि महज 908 लोगों की रही।
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