निवेशकों ने स्मॉल और मिड-कैप में उठाया नुकसान | पुनीत वाधवा / August 25, 2019 | | | | |
पिछले कुछ सत्रों के दौरान घरेलू और वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम ने बाजारों को अस्थिर बनाए रखा। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक मोतीलाल ओसवाल ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि उनका मानना है कि अर्थव्यस्था में मंदी की स्थिति दो अन्य तिमाहियों में भी बनी रहेगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
बाजार के बारे में आपका क्या नजरिया है?
बजट के बाद अपनाए गए कुछ उपायों की वजह से इक्विटी बाजारों में नकारात्मक रुझान बना हुआ है। बाजार अब धीमी गति से आगे बढ़ेंगे। ब्याज दरें पहले ही नीचे आ चुकी हैं और वर्ष 2019 के अंत तक, यदि कॉरपोरेट आय में सुधार आता है तो निफ्टी 50 सूचकांक 12,000 के आंकड़े के पास आ सकता है। हमारा मानना है कि सरकार ऐसे कई ठोस कदम उठाएगी जो अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे और निजी क्षेत्र के लिए मददगार होंगे। मार्च 2020 तक, निफ्टी-50 सूचकांक 11,800-12,200 के दायरे में बना रहेगा।
क्या आप मानते हैं कि छोटे निवेशकों में विश्वास का जोखिम बना हुआ है?
मैं मानता हूं कि 'विश्वास का जोखिम' थोक उधारी में ज्यादा स्पष्ट रूप से दिखा है। खुदरा निवेशकों को छोटे और मझोले शेयरों में नुकसान उठाना पड़ा है जिससे उनका विश्वास कमजोर हुआ है। हालांकि, नियामक द्वारा कई नए उपायों से बाजार में धारणा सुधारने और निवेशकों को उत्साहित करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। छोटे निवेशक अब इक्विटी में निवेश शुरू कर सकते हैं, क्योंकि कई अच्छे शेयर आकर्षक कीमतों पर मौजूद हैं। उन्हें इसके लिए म्युचुअल फंड विकल्प का चयन करना चाहिए और लंबी अवधि के लिए व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए।
जून तिमाही की आय बाजार धारणा में सुधार लाने में विफल रही है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
हमें वित्त वर्ष 2020 के लिए एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और ऐक्सिस बैंक जैसे कॉरपोरेट बैंकों की मदद से निफ्टी में 18-20 प्रतिशत की मुनाफा वृद्घि का अनुमान है। मौजूदा समय में जिन क्षेत्रों का मूल्यांकन उचित है, उनमें वाहन, यूटिलिटीज, हेल्थकेयर, एनबीएफसी और बैंकिंग एवं खपत सेगमेंट के कुछ खास शेयर शामिल हैं। हम निजी बैंकों, खपत, आईटी पर सकारात्मक हैं। दूसरी तरफ, धातु और तेल एवं गैस क्षेत्रों पर हम नकारात्मक बने हुए हैं।
आपके अनुसार सुधार कब तक दिख सकता है?
मौजूदा मंदी कम से कम दो और तिमाहियों तक बनी रहेगी। क्षेत्रों में, एफएमसीजी से सुधार की रफ्तार को बढ़ावा मिलेगा।
नकदी की स्थिति कैसी है?
नकदी की स्थिति में पिछले तीन महीनों में सुधार आया है। लेकिन भरोसा लौटाने के लिए ऋण प्रवाह में और सुधार की जरूरत है। यदि सरकार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के संबंध में अधिभार से संबंधित चिंताओं को दूर करती है विदेशी संस्थागत निवेशक प्रवाह में सुधार आ सकता है। खुदरा प्रवाह एसआईपी के जरिये बरकरार रह सकता है।
रिटेल ब्रोकिंग की क्या स्थिति है?
हमने ब्रोकरेज आय पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं देखा है, क्योंकि इस बाजार में अच्छी बिक्री वृद्घि दिखी है। हालांकि, कमजोर बाजार हालात और नियमों में बदलाव की वजह से वितरण खंड से आय घटी है। इसके अलावा, मुनाफा कम प्रतिफल वाले वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट के अनुकूल बदलाव की वजह से प्रभावित हुआ है। हमारा रिटेल ब्रोकिंग व्यवसाय नए ग्राहक जोडऩे के साथ साथ नकद बाजार भागीदारी बढ़ाने पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहा है। चुनौतीपूर्ण बाजार परिवेश के बावजूद यह व्यवसाय अच्छा प्रदर्शन करेगा और अपना मुनाफा बरकरार रखने में सक्षम होगा।
मोतीलाल ओसवाल गु्रप के लिए कुल राजस्व मिश्रण क्या है?
राजस्व के सबसे बड़े हिस्से में पूंजी बाजार खंड (42 प्रतिशत) का योगदान है, जिसके बाद परिसंपत्ति एवं संपदा प्रबंधन 29 प्रतिशत पर, आवास वित्त 23 प्रतिशत और कोष-आधारित व्यवसाय 5 प्रतिशत पर है। इस प्रतिशततता में परिसंपत्ति एवं संपदा प्रबंधन और आवास वित्त व्यवसायों के पक्ष में बदलाव दिखेगा। इन दो व्यवसायों में विकास की अच्छी संभावनाएं हैं।
नकदी संकट को देखते हुए आवास वित्त व्यवसाय की स्थिति कैसी है?
हाल के समय में इस सेगमेंट को चुनौतियों से जूझना पड़ा है और अब इसमें मजबूती आ रही है। मौजूदा समय में, ऋण बुक 4,300 करोड़ रुपये पर है। प्रतिफल में वृद्घि, कोष की लागत में कमी आने से मुनाफे में सुधार आएगा। वित्त वर्ष 2020 में, एएमसी व्यवसाय के लिए मुनाफा वृद्घि नरम रहेगी, लेकिन आवास वित्त व्यवसाय के लिए पिछले साल की तुलना में ऊंची रहेगी।
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