वापस हुआ अधिभार, अर्थव्यवस्था को धार | इंदिवजल धस्माना और अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली August 23, 2019 | | | | |
अर्थव्यवस्था की सुस्ती और पूंजी बाजारों के संकट को दूर करने के लिए सरकार ने आज कई उपायों की घोषणा की। उपभोक्ता मांग और निवेश बढ़ाने के लिए विदेशी और घरेलू पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया गया अधिभार वापस ले लिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आने वाले दिनों में और उपायों की घोषणा की जाएगी। इनमें से एक मकान खरीदारों और रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़ी होगी। इस बहुप्रतीक्षित संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने बैंकों में नकदी बढ़ाने, सूक्ष्म, लघु एवं मझोली कंपनियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर रिफंड को आसान बनाने, संकट से जूझ रहे वाहन क्षेत्र को राहत देने और सभी पात्र स्टार्टअप कंपनियों तथा उनके निवेशकों को ऐंजल टैक्स से छूट देने की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को देने में तत्परता दिखाएंगे और ब्याज दर को रीपो दर से जोड़ेगे। एमएसएमई क्षेत्र के बकाये के एकमुश्त भुगतान के लिए ज्यादा पारदर्शी नीति बनाई जाएगी। सरकार और सरकारी कंपनियों उनके 60 हजार करोड़ रुपये के बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करेंगी। डीमैट खाता खोलने और म्युचुअल फंडों में निवेश के लिए आधार आधारित केवाईसी की अनुमति दी जाएगी। सीतारमण ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू निवेशकों के लिए दीर्घावधि और लघु अवधि के पूंजीगत लाभ पर बढ़ा हुआ अधिभार वापस ले लिया गया है। इससे सरकारी खजाने पर 1,400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यह कदम पूंजी बाजार में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया है। बजट में एफपीआई पर अधिभार बढ़ाने की घोषणा से शेयर बाजार डगमगा गए थे।
बजट में ऊंची आय वालों पर अधिभार बढ़ाने की घोषणा के बाद दो से पांच करोड़ रुपये की कर योग्य आय पर आयकर की प्रभावी दर 35.88 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसी तरह पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर यह 42.7 प्रतिशत तक पहुंच गई। सीतारमण ने स्टार्टअप इकाइयों के लिए ऐंजल टैक्स प्रावधान भी वापस लेने की घोषणा की। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों की समस्याओं के समाधान के लिए सीबीडीटी के सदस्य के तहत एक विशेष विभाग का भी गठन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने आवास एवं वाहन ऋण और उपभोग की वस्तुएं सस्ती करने के लिए भी उपायों की घोषणा की। इन उपायों को अमल में लाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये पूंजी दी जाएगी। वित्तीय प्रणाली में 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी एवं नकदी डालने के लिए इस कदम की उम्मीद की जा रही थी। सीतारमण ने कहा कि बैंक रीपो रेट और बाहरी मानक दरों से जुड़े ऋण योजनाएं शुरू करेंगे, जिनसे आवास, वाहन और अन्य खुदरा ऋणों की किस्तें कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा, 'उद्योग जगत के लिए भी कार्यशील पूंजी सस्ती हो जाएगी।'
सीतारमण ने कहा कि परेशानी कम करने और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण चुकता होने के 15 दिनों के भीतर ऋण से जुड़े दस्तावेज अनिवार्य रूप से लौटा देंगे। उन्होंने कहा कि इससे उन कर्जदाताओं को लाभ होगा जिन्होंने ऋण के बदले अपनी परिसंपत्तियां गिरवी रखी हैं। वित्त मंत्री ने आवास वित्त कंपनियों के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक के माध्यम से अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये की नकदी समर्थन की भी घोषणा की। इस तरह, इन कंपनियों के लिए कुल नकदी समर्थन बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
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