विपक्षी दलों को लामबंद करने में जुटी कांग्रेस | अर्चिस मोहन / August 22, 2019 | | | | |
कांग्रेस को अपने वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे विपक्ष को एकजुट करने में गुरुवार को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। खुद कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय पर सवाल उठाए, जिसने नियमों से संबंधित अड़चनों का हवाला देते हुए बुधवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका सूचीबद्ध नहीं की थी। शीर्ष अदालत ने इसे शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया था। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिला क्योंकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें बुधवार रात ही गिरफ्तार कर लिया।
विपक्षी नेताओं ने आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई द्वारा चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के 'अपमानजनक' तरीके की आलोचना की। हालांकि विपक्ष के कुछ नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन के लिए अभी उनसे संपर्क नहीं साधा है। वहीं कुछ ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चिदंबरम की गिरफ्तारी व्यक्तिगत और राजनीतिक बदले से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सीबीआई और प्रवर्तक निदेशालय का सत्तारूढ़ पार्टी के बदला लेने वाले विभागों के रूप में इस्तेमाल कर रही है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था की खस्ताहाली, अप्रत्याशित बेरोजगारी, रुपये के अवमूल्यन, और बहुत से आर्थिक क्षेत्रों में संकट से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के तरीके को अत्याधिक निराशाजनक बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायपालिका 'गुहार लगा रही' लोकतांत्रिक व्यवस्था की मदद के लिए सामने नहीं आ रही। बनर्जी ने रविंद्रनाथ टैगोर का हवाला देते हुए कहा, 'न्याय का संदेश वीराने में खामोशी से सिसकियां ले रहा है।' उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय लोकतंत्र विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और प्रेस के चार स्तभों पर टिका हुआ है।
बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा, 'पी चिदंबरम एक अर्थशास्त्री, पूर्व गृह मंत्री और वित्त मंत्री हैं। उन्हें जिस तरह से गिरफ्तार किया गया वह निराशाजनक है। लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं- लोकतांत्रिक संस्थान, चुनाव आयोग, मीडिया और न्यायपालिका। हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था गुहार लगा रही है, फिर भी न्यायपालिका उसकी मदद को सामने नहीं आ रही।' उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया संगठन सत्तारूढ़ भाजपा के प्रवक्ता बन गए हैं। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने दिल्ली में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बंगले में प्रवेश करने के लिए दीवार फांदने को लेकर सीबीआई अधिकारियों पर हमला बोला और कहा कि उनकी नजर में यह भारत का अपमान है। उन्होंने चिदंबरम का समर्थन करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक प्रतिशोध है। स्टालिन ने कहा, 'मैंने सीबीआई अधिकारियों को (चिदंबरम के दिल्ली आवास पर) दीवारें फांदते टीवी पर देखा। मैं इसे भारत का अपमान मानता हूं। यह निंदनीय है।'
राकांपा का मानना है कि चिदंबरम और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ सीबीआई और ईडी की कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। चिदंबरम की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में कई जगहों पर प्रदर्शन किए।
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