मणिपाल हेल्थ होगी सूचीबद्ध | सोहिनी दास / मुंबई August 19, 2019 | | | | |
बेंगलूरु की अस्पताल शृंखला मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज अपने निवेशकों टीपीजी कैपिटल और टेमासेक को निवेश निकासी का मौका देने और बढ़त के लिए रकम जुटाने की खातिर अगले दो साल में कंपनी को सूचीबद्ध करा सकती है। 6,000 बिस्तर वाली अस्पताल शृंखला ने साल 2013 के बाद से कोई अधिग्रहण नहीं किया है। कंपनी ने गुडग़ांव में नरेश त्रेहन की मेदांत मेडिसिटी के अधिग्रहण के 5,800 करोड़ रुपये के सौदे से हाथ खींचने का फैसला लिया था, जो मेदांत का मूल्यांकन इसके एबिटा के 26 गुने पर कर रहा था। एबिटा से कंपनी के लाभ का संकेत मिलता है। इससे पहले मणिपाल दिल्ली मुख्यालय वाली अस्पताल शृंखला फोर्टिस हेल्थकेयर के अधिग्रहण की दौड़ मलेशिया की आईएचएच हेल्थकेयर के हाथों गंवा दी थी।
एक सूत्र ने कहा, खुद के दम पर आगे बढऩे के अलावा मणिपाल अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए छोटा अधिग्रहण करने को तैयार है। कंपनी उत्तर भारत में अपनी पहुंच के विस्तार के लिए तब तक अधिग्रहण नहीं करेगी जब तक कि उसे सौदे में वैल्यू नजर नहीं आएगी। एक सूत्र ने कहा, 26 गुने एबिटा पर मेदांत को खरीदने में मणिपाल को वैल्यू नजर नहीं आई और इससे आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने की कंपनी की य ोजना में चार से पांच साल की देर हो गई। उन्होंंने कहा कि आज बाजार का गुणक करीब 18-19 गुना एबिटा है और ऐसे में टेमासेक मूल्यांकन में बदलाव चाहती थी। एक सूत्र ने कहा, मणिपाल अब मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज को अगले दो साल में एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने पर विचार कर सकती है और इससे न सिर्फ मौजूदा निवेशकों को निवेश निकासी का मौका मिलेगा बल्कि बढ़त के लिए कंपनी को रकम भी मिल जाएगी। सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी कंपनी में से एक टीपीजी ने करीब चार साल पहले मणिपाल में निवेश किया था और अभी उसके पास मोटे तौर पर 22 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं टेमासेक ने दो साल पहले निवेश किया और उसके पास 18 फीसदी हिस्सेदारी है। ये निवेशक अगले दो से तीन साल इंतजार कर सकते हैं, जिसके भीतर मणिपाल को और बढ़ोतरी की उम्मीद है।
मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज का कारोबार 2018-19 में करीब 1,800 करोड़ रुपये रहा। रंजन पई की अगुआई वाली मणिपाल एजुकेशन ऐंड मेडिकल ग्रुप (मणिपाल हेल्थ की होल्डिंग कंपनी) ने साल 2006 से अब तक 16 दौर की फंडिंग के तहत 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा जुटाए हैं और 14 निकासी की पेशकश की है। पई के पास मणिपाल हेल्थ की करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी है। उद्योग के एक जानकार ने कहा, हॉस्पिटल कारोबार में आकार अहम होता है क्योंकि लागत पर इसका काफी असर दिखता है। ऐसे में मणिपाल हॉस्पिटल्स खुद के दम पर अपनी पहुंच बढ़ा रही है। इसके कुछ अस्पताल आने वाले हैं, उदाहरण के तौर पर बेंगलूरु में 250 बिस्तरों वाला अस्पताल खुलने वाला है। समूह के 10 अस्पताल परिचालन में हैं जिनकी क्षमता करीब 3,000 बिस्तरों की है। बिजनेस स्टैंडर्ड से पहले की बातचीत में पई ने संकेत दिया था कि उसकी योजना अगले पांच वर्षों में भारत में 2,000 बिस्तर जोडऩे और विदेश में 7,50-1,000 बिस्तर जोडऩे की है।
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