एफएआर बढऩे से उद्यमियों को मिलेगी राहत | रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली August 19, 2019 | | | | |
दिल्ली में औद्योगिक एफएआर बढऩे से उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है। अब दिल्ली के उद्यमी औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी फैक्टरियों में एक मंजिल ज्यादा बनवा सकेंगे। एफएआर बढऩे से उद्यमियों को अन्य कार्य के लिए भी ज्यादा जगह मिल जाएगी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 51 से 400 वर्गमीटर के औद्योगिक भूखंड का एफएआर 180 से बढ़ाकर 200 और 400 से 2,000 वर्गमीटर तक के औद्योगिक भूखंड का एफएआर 150 से बढ़ाकर 200 करने को मंजूरी दी है। डीडीए ने 9 तरह के सेवा उद्योगों को भी औद्योगिक दर्जा दिया है।
पटपडग़ंज ऑन्त्रप्रेन्यर एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक संजय गौड़ ने कहा कि एफएआर बढऩे पर उद्यमियों को मौजूदा व नए औद्योगिक भूखंड पर अतिरिक्त मंजिल बनाने सहित अन्य कार्य के लिए ज्यादा जगह मिल जाएगी। पहले 400 वर्गमीटर तक भूखंड पर 3 मंजिल ही बन सकते थे लेकिन अब चौथे पर अतिरिक्त निर्माण किया जा सकता है और 400 मीटर से बड़े औद्योगिक भूखंड पर 3 की बजाय 4 मंजिल बना सकते हैं। फेडरेशन ऑफ ओखला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पदाधिकारी वी के शर्मा कहते हैं कि अगर किसी उद्यमी को कारोबार का विस्तार करना है या बच्चों को अलग-अलग फैक्टरी देना है तो एफएआर बढऩे से वह एक अतिरिक्त मंजिल बना सकता है।
इसके साथ ही सेवा उद्योगों को औद्योगिक दर्जा मिलने से उद्यमियों को कन्वर्जन शुल्क और व्यावसासिक दर से संपत्ति कर के बोझ से राहत मिलेगी। बादली इंडस्ट्रियल एस्टेट के महासचिव रवि सूद कहते हैं कि एफएआर बढऩे से कारोबार विस्तार के लिए जगह की कमी दूर हो सकती है। हालांकि अब नगर निगमों को सभी मंजिलों पर फैक्टरी चलाने की अनुमति देनी चाहिए। जिस पर डीडीए और दिल्ली सरकार की ओर से पहले से ही सहमति मिल चुकी है।
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