जालान समिति की बैठक आज | सोमेश झा / नई दिल्ली August 13, 2019 | | | | |
केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी ढांचे (सीसीएफ) की समीक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान के नेतृत्व में बनी समिति अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को बैठक करेगी। पिछले महीने राजीव कुमार को वित्त सचिव बनाए जाने व उनके पूर्ववर्ती सुभाष चंद्र गर्ग को अचानक बिजली मंत्रालय भेजे जाने के बाद समिति पहली बैठक करने जा रही है, जो इसके पहले समिति में सरकार के प्रतिनिधि थे। समिति के एक सदस्य ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, 'समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी और अगस्त में रिजर्व बैंक के गवर्नर को रिपोर्ट सौंपेगी।'
पूर्व वित्त और आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने 6 सदस्योंं की समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर बिजली मंत्रालय भेजे जाने के पहले हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। इसकी वजह से समिति को इसे आगे बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक की राय लेनी पड़ी क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा गर्ग को सचिव पद पर बिजली मंत्रालय भेज दिया गया था। इसके पहले समिति ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए 17 जुलाई को बैठक की थी। गर्ग इस समिति की रिपोर्ट पर असहमति नोट लिखने को इच्छुक थे, क्योंकि वह समिति की सिफारिशों से सहम नहीं थे, जिसमें रिजर्व बैंक से बहुत मामूली अतिरिक्त राशि केंद्र सरकार को चरणबद्ध तरीके से हस्तांतरित करने की सिफारिश की गई थी। सूत्रों के मुताबिक गर्ग इस मसले को रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड अलग से उठाना चाहते थे, क्योंकि वह अतिरिक्त नकदी को रिजर्व बैंक से केंद्र सरकार को एकमुश्त हस्तांतरित करने के पक्ष में थे।
उम्मीद की जा रही है कि कुमार अपने पूर्ववर्ती की राय की समीक्षा करेंगे और वे केंद्र सरकार के नए रुख को समिति की सिफारिशोंं में शामिल कर सकते हैं, जिससे गर्ग की असहमति से उपजा गतिरोध खत्म हो सके। इसकी वजह से रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने में देरी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक समिति की रिपोर्ट में रिजर्व बैंक के कोष से मामूली हस्तांतरण के लिए एक फॉर्मूले का प्रस्ताव किया गया है। केंद्र सरकार को कोष का हस्तांतरण 3 से 5 साल करने का प्रस्ताव जुलाई में हुई पिछली बैठक में सामने आया था। जालान और कुमार के अलावा रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन, रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड के निदेशक भरत दोषी और सुधीर मनकड विशेषज्ञोंं की इस समिति में शामिल हैं। इस समिति का गठन दिसंबर में किया गया था और उम्मीद थी कि अप्रैल की शुरुआत तक इसकी रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
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