ई-वाहन नीति से उत्तर प्रदेश में आएगा निवेश | बीएस संवाददाता / लखनऊ August 08, 2019 | | | | |
उत्तर प्रदेश में ई-वाहन विनिर्माण नीति आने के बाद न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य में बड़े पैमाने पर उत्पादन इकाइयां भी लगेंगी। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा उत्तर प्रदेश में ई-वाहनों के विनिर्माण की इकाई लगा सकती है। बीते साल निवेशक सम्मेलन में महिंद्रा ने ई-वाहनों के प्रोत्साहन संबंधी नीति बनने की दशा में विनिर्माण इकाई लगाने की बात कही थी। प्रदेश में सबसे पहले 500 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करने वाली कंपनी महिंद्रा ही है। अधिकारियों का कहना है कि ई-वाहन विनिर्माताओं को प्रदेश की औद्योगिक नीति से इतर भी कुछ सुविधाएं दी गई हैं।
औद्योगिक विकास विभाग का कहना है कि ई-वाहनों के विनिर्माण, चार्जिंग स्टेशन लगाने व संचालन से प्रदेश में अगले पांच साल में 50,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे जबकि 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। प्रदेश सरकार ने ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने व चलाने वालों को भी नई नीति में खासी रियायत दी है। चार्जिंग स्टेशन लगाने वालों को कुल निवेश में अधिकतम 25 लाख रुपये प्रदेश सरकार सब्सिडी के तौर पर देगी। हालांकि चार्जिंग स्टेशन लगाने वालों को जमीन की लागत में कोई छूट नहीं दी जाएगी।
दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने ई बसों को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन के रूप में प्रयोग करने का भी फैसला किया है। इसके तहत राजधानी लखनऊ सहित 11 शहरों में 1,100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला लिया गया। इन सभी शहरों में 100-100 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इस आशय का प्रस्ताव नगरीय परिवहन निदेशालय ने राज्य सरकार को भेजा है।
|