कुछ समूहों के साथ कारोबार नहीं करेगा ऐक्सिस बैंक | श्रीपाद ऑटे और रघु मोहन / August 06, 2019 | | | | |
ऐक्सिस बैंक की कमान संभाले अमिताभ चौधरी को करीब आठ महीने हो चुके हैं। उन्होंने बैंक को अनावश्यक जोखिम से बचाने के लिए पुरानी राह पर रफ्तार दी है। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी ने उम्मीद जताई है कि कारोबार की वृद्धि रफ्तार 5 से 7 फीसदी पर उद्योग के औसत से अधिक रहेगी। चौधरी की श्रीपाद ऑटे और रघु मोहन से हुई बातचीत के मुख्य अंश:
ऐक्सिस बैंक में अब तक आपकी यात्रा कैसी रही?
पहले कुछ महीनों के दौरान हमने एक रणनीति को आगे बढ़ाया। हमने इसकी जानकारी अपने निवेशक समुदाय को दिया और अपने कर्मचारियों को इसकी विस्तृत जानकारी दी। इस रणनीति के लिए कुछ ढांचे की जरूरत थी और हमने उसे तैयार किया। हालांकि अर्थव्यवस्था मदद नहीं मिल पा रही है लेकिन फिर भी सब ठीक है।
अर्थव्यवस्था को लेकर आपका क्या नजरिया है?
हम एक ऐसी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं जहां कारोबारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे जिस राह पर अग्रसर हैं उस पर नए सिरे से गौर करें। यदि आपने काफी अधिक उधारी दे रखा है तो आपको एक दिन ऋण वितरण बंद कर देना चाहिए। जब आप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और रियल एस्टेट पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि कुछ बैंक दबाव के बारे में बात कर रहे हैं। हालांकि हमें फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं दिखा है लेकिन हम भी उसी परिदृश्य का हिस्सा हैं। यदि संभावनाएं दिखेंगी तो हम उसे हासिल कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल काफी सावधान रहने की जरूरत है।
आपने किन कारणों से उद्योग के औसत से अधिक वृद्धि हासिल करने की उम्मीद जताई है?
मैं मध्यम एवं लंबी अवधि की बात कर रहा हूं। हम एक थोक बैंक के तौर पर बेहतर स्थिति में हैं। जानकारी सभी से साझा की जा रही है और आज इसकी रफ्तार कहीं अधिक तेज है। ऐसे में आपको कुछ समूहों के साथ कारोबार न करने का निर्णय लेना होगा। इसके अलावा ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता के साथ ही प्रवर्तक भी महसूस कर रहे हैं कि उनके खुद के नियम पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहे हैं।
खुदरा कारोबार में तेजी लाने के लिए आपकी क्या योजना है?
चालू एवं बचत खाता कारोबार में हमने हमेशा से अच्छा प्रदर्शन किया है। साथ ही सरकारी कारोबार के साथ ही हम काफी मजबूत स्थिति में हैं। हमारे 80 फीसदी से अधिक खुदरा ऋण मौजूदा बचत खाताधारकों से आते हैं। सुरक्षित ऋण के मोर्चे पर यह आंकड़ा 90 फीसदी से अधिक है। जोखिम कम करने के लिए हम काफी ऊंचे स्तर के एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हैं।
आप अपने वृद्धि लक्ष्य और शेयरधारकों के रिटर्न के बीच तालमेल कैसे स्थापित करेंगे?
हम 18 फीसदी रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) का लक्ष्य कर रहे हैं। जबकि हम 16 फीसदी हासिल कर सकते हैं और हम लंबी अवधि की बात कर रहे हैं। हमारी मंशा एक दीर्घावधि समाधान तलाशने की है ताकि इस 18 फीसदी आरओई को किस प्रकार बरकरार रखा जा सके। इसका मतलब साफ है कि हमें कुछ क्षेत्रों, बाजारों और उत्पादों के लिए नेतृत्व पद की जरूरत होगी। आपको शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़ाने की जरूरत होगी जो फिलहाल 3.4 फीसदी है। इसके अलावा अन्य कारकों में शुल्क आधारित उत्पाद एवं लागत पर नियंत्रण शामिल हैं।
आप अगले दौर के तहत रकम कब जुटा रहे हैं?
हमें 18,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बोर्ड से मंजूरी मिल गई है और यह एक साल के लिए वैध होगी। मुझे विश्वास है कि हम रकम जुटा सकते हैं। लेकिन यह हमारी कीमत पर होगा।
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