टाटा पावर की इंडोनेशिया खनन पट्टे पर बढ़ी चिंता | अमृता पिल्लई / मुंबई August 06, 2019 | | | | |
निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादक टाटा पावर इंडोनेशिया में अपने खनन पट्टे पर मुश्किलों का सामना कर रही है क्योंकि यह लाइसेंस मध्यम अवधि में नवीनीकरण के लिए आया है। कंपनी ने हालांकि विश्लेषकों को आश्वस्त किया है कि कोयले के लाभ पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने 25 जुलाई को टाटा पावर पर एक नोट में कहा, इंडोनेशिया के अपेक्षाकृत छोटे कॉन्ट्रैक्टर के साथ कोयला खनन अनुबंध इस महीने समाप्त कर दिया गया। इस वजह से अन्य कोयला उत्पादकों का अनुबंध समाप्त होने का जोखिम पैदा हुआ है, जो मध्यम अवधि में नवीनीकरण के लिए आएगा।
टाटा पावर की अपनी सहायकों के जरिये इडोनेशिया में पीटी कालतिम प्राइमा कोल (केपीसी) में 30 फीसदी हिस्सेदारी और पीटी बारामुल्टी सक्सेसराना टीबीके (बीएसएसआर) खदान में 26 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने पीटी अरुटमिन इंडोनेशिया और कोयला ट्रेडिंग व इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सहायक कंपनियों की 30 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए करार पर हस्ताक्षर भी किए हैं। केपीसी के लिए लाइसेंस 2021 में समाप्त हो रहा है। टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2019 की सालाना रिपोर्ट में कहा है, इसका नवीनीकरण इंडोनेशिया सरकार के विचाराधीन है। अप्रैल-जून 2019 की तिमाही में टाटा पावर का शुद्ध लाभ 249.94 करोड़ रुपये र हा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,768.78 करोड़ रुपये रहा था। जून तिमाही में कोयले की कीमत में 10 फीसदी की कमी से भी टाटा पावर को इंडोनेशियाई खदान से लाभ का योगदान घटा।
इंडोनेशिया के खनन पट्टे पर स्थिति अभी साफ नहीं है, लेकिन टाटा पावर के प्रबंधन ने विश्लेषकों को आश्वस्त किया कि इस कदम का काफी कम असर होगा। एसबीआई कैप्स सिक्योरिटीज ने 2 अगस्त की रिपोर्ट में कहा है, विचाराधीन मसौदा नियमन के आधार पर प्रबंधन को कोयला कारोबार के लाभ पर कोई बड़ा असर पडऩे की संभावना नहीं दिख रही, हालांकि जब तक यह इसे मंजूरी नहीं मिल जाती, अनिश्चितता बनी रहेगी।
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