ई-वाहनों को मिलेगा बढ़ावा | बीएस संवाददाता / पटना August 01, 2019 | | | | |
बिहार सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने का फैसला लिया है। इसके तहत परिवहन विभाग अपनी योजनाओं में इन वाहनों को बढ़ावा देगी। वहीं, इन वाहनों पर कर को भी कम किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए भी इलेक्ट्रिक कारों की खरीद की जाएगी। राज्य में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्य के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया, 'बिहार वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को लेकर काफी सजग है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इलेक्ट्रिक कार का उपयोग कर जनता को इसे अपनाने का संदेश दे रहे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार जल्द ही छह नई इलेक्ट्रिक कारें खरीदने वाली है। इसका इस्तेमाल मंत्री करेंगे, ताकि जनता के बीच इन्हें प्रोत्साहित किया जा सके।' वहीं, आगे चलकर राज्य सरकार बैटरी से चलने वाले बस भी खरीद सकती है, जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से पटना में किया जा सके। इससे पटना में प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी।
वहीं, परिवहन विभाग ने अपनी योजनाओं में बैटरी चलित और स्वच्छ ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इसके तहत राज्य सरकार अपनी महत्त्वाकांक्षी ग्राम्य परिवहन योजना में भी फेरबदल कर रही है। इसके तहत राज्य सरकार हर पंचायत में पांच महादलित परिवारों को वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी देती है। इस योजना में राज्य सरकार अब ई-रिक्शा और बैटरी चलित वाहनों को बढ़ावा देगी। इस बाबत योजना के नियमों में फेरबदल की तैयारी चल रही है। वहीं, राज्य सरकार ने पहले से ही बिजली के वाहनों पर करों में भारी कटौती की है। सरकार ने इन वाहनों की खऱीद पर रोड टैक्स में 50 फीसदी की कटौती की है। वहीं, उप-मुख्यमंत्री ने बताया, 'जीएसटी परिषद में पहले सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर घटाने का प्रस्ताव था, लेकिन बिहार की पहल पर चार्जर पर भी कर को महज 5 फीसदी कर दिया गया। पंजाब सहित कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया था। हालांकि, इसे नजरअंदाज कर दिया गया।' गौरतलब है कि बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर और गया देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
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