ईवी पर जोर और पंजीकरण शुल्क बढऩे से झटका | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली August 01, 2019 | | | | |
ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए बुरी खबरें थम नहीं रही हैं, जो पहले से ही कुछ महीने से बिक्री में लगातार गिरावट की समस्या से जूझ रहा है। सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया है, वहीं ईवी चार्जर पर जीएसटी 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं नए वाहनोंं का पंजीकरण शुल्क बढ़ाए जाने का भी प्रस्ताव है। विश्लेषकों का कहना है कि ईवी पर शुल्क कम करने का फैसला सही दिशा में बढ़ा कदम है, लेकिन पंजीकरण शुल्क और पंजीकरण के नवीकरण का शुल्क बढ़ाए जाने से ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा, जो पहले से ही खराब दौर से जूझ रहा है।
नोमुरा के कपिल सिंह और सिद्धार्थ बेरा का कहना है कि इससे दोपहिया वाहनों के दाम में 2.5 प्रतिशत और कार के दाम में करीब 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। हाल की रिपोर्ट में नोमुरा ने कहा है, 'नए वाहनों के पंजीकरण शुल्क में बढ़ोतरी किए जाने से वाहनों की बिक्री पर असर पड़ेगा क्योंकि लागत बढ़ जाएगी। इससे ऑटो क्षेत्र में सुधार में और देरी होगी क्योंकि मांग अभी कमजोर है। ओईएम मुनाफे पर भी दबाव आ सकता है और उसे और प्रोत्साहन देने की जरूरत पड़ सकती है।' इक्वीनॉमिक्स रिसर्च के प्रबंध निदेशक एवं संस्थापक जी चोक्कालिंगम ने कहा, 'यात्री वाहनों में मंदी नहीं है, लेकिन ईवी क्षेत्र से कड़ी चुनौती मिल रही है। ईवी को बढ़ावा देना सही फैसला है, लेकिन ऐसा करने के लिए यह सही वक्त नहीं है। इससे ऑटो क्षेत्र की स्थिति आगे और खराब होगी।'
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