42 माह के निचले स्तर पर औद्योगिक वृद्धि | शुभायन चक्रवर्ती / नई दिल्ली July 31, 2019 | | | | |
अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्रों की वृद्घि दर में जून महीने में भारी गिरावट आई है। 0.2 फीसदी की वृद्घि दर के साथ यह आश्चर्यजनक रूप से साढ़े तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसकी वजह ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी गिरावट और विभिन्न उद्योगों का कमजोर प्रदर्शन है। सोमवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली उद्योग की वृद्घि दर को अचानक से धक्का लगा है। मई महीने में इसमें हल्की गिरावट आई थी और वृद्घि दर 4.3 फीसदी रही थी। प्रमुख क्षेत्र के आठ उद्योगों में चार उद्योगों में जिनका देश की कुल औद्योगिक उत्पादन में करीब 40 फीसदी का योगदान होता है, इस महीने गिरावट दर्ज की गई है। अर्थशास्त्रियों ने संकेत दिए हैं कि यह घरेलू उद्योग में आ रही स्थिरता के लक्षण हैं।
जून महीने में वृद्घि दर में आई इस भारी गिरावट की बड़ी वजह रिफाइनरी उत्पादन को बताया जा रहा है जिसका भारांक के आधार पर सूचकांक में करीब 30 फीसदी की हिस्सेदारी है। जून महीने में इसमें 9.3 फीसदी की गिरावट आई है जो कि मई महीने के 1.5 फीसदी की गिरावट के मुकाबले काफी अधिक है। प्रमुख रिफाइनिंग इकाइयों के बंद पडऩे और तेल आयात की मूल्य शृंखला में आए आकस्मिक बदलाव के कारण 2019 में इस क्षेत्र में बार बार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, 'पेट्रो उत्पादों में गिरावट के लिए आंतरिक मुद्ïदों के साथ साथ कच्चे तेल की कीमत में आ रही कमी जिससे स्थायी विनिमय दर व्यवस्था के तहत आयात सस्ता हो जाता है, दोनों जिम्मेदार हैं।' मार्च महीने से शुरू होकर दो महीने की वृद्घि के बाद मौजूदा वर्ष में संबंधित क्षेत्रों का उत्पादन हर महीने विरोधाभासी रहा है। यही हाल ऊर्जा क्षेत्र की भी रही है। जून में कच्चे तेल के उत्पादन में 6.8 फीसदी की कमी आई जबकि मई में यह 6.9 फीसदी रही थी। यह पिछले 12 महीने में सबसे बड़ी गिरावट थी। जून में प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी 2.1 फीसदी फिसला जबकि मई में इसमें कोई वृद्घि नहीं हुई थी।
हालांकि कोयला उत्पादन ने गति पकड़ी और जून में इसमें 3.2 फीसदी की वृद्घि हुई जबकि मई की वृद्घि दर 1.8 फीसदी रही थी। सीमेंट और इस्पात क्षेत्रों का प्रदर्शन भी जून में कमजोर रहा। सबनवीस ने कहा, 'इस तिमाही में सरकारी खर्च भी कमी आई जिसकी वजह से इस महीने सीमेंट की वृद्घि दर नकारात्मक रही। हालांकि पिछले वर्ष इसकी वृद्घि दर 14.2 फीसदी रही थी।' जून महीने में इस्पात उत्पादन की वृद्घि दर में आधे से अधिक की कमी आई। मई में 15.3 फीसदी की वृद्घि दर के मुकाबले जून में यह घटकर 6.9 फीसदी रह गई। विनिर्माण और बुनियादी ढांचा विकास की सेहत को दर्शाने वाले एक अन्य क्षेत्र सीमेंट के उत्पादन में 1.5 फीसदी की कमी आई जबकि मई में इसमें 2.8 फीसदी का उछाल आया था। इसकी वृद्घि दर में गिरावट मार्च में 11 महीने में सर्वाधिक 15.7 फीसदी की वृद्घि दर रहने के बाद आया।
जून में बिजली उत्पादन की वृद्घि दर 7.3 फीसदी रही जो मई के 7.4 फीसदी के मुकाबले मामूली कम है। जनवरी में बिजली क्षेत्र की वृद्घि दर 71 महीनों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई थी। इसके लिए कोयला उत्पादन की कमजोर वृद्घि को जिम्मेदार बताया गया था। हालांकि उसके बाद से इसमें स्थायी तौर पर वृद्घि हुई है। जून महीने में उर्वरक उत्पादन में 1.5 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई जबकि मई में इसमें 1 फीसदी की कमी आई थी। मौजूदा कैलेंडर वर्ष के 6 महीने में से 4 महीनों में इस क्षेत्र में वृद्घि हुई है।
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