18 महीने में 286 डीलर शोरूम बंद, 32,000 नौकरियों पर असर | टी ई नरसिम्हन / चेन्नई July 29, 2019 | | | | |
वाहन क्षेत्र में मंदी के चलते देश भर में 286 डीलरों ने अपना कामकाज बंद कर दिया। इससे 32,000 नौकरियां प्रभावित हुई हैं। यह बंदी ज्यादातर शहरी व अर्ध शहरी बाजारों में हुई और ज्यादातर कारों के मामले में हुई। उद्योग के प्रतिनिधि साल की दूसरी छमाही में इसमें सुधार को लेकर आशावान हैं। अग्रणी ïवाहन खुदरा उद्योग निकाय फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के मुताबिक, अप्रैल 2019 से पहले के 18 महीने में इन डीलरों ने अपना कामकाज बंद किया है। सबसे ज्यादा झटका यात्री कार के क्षेत्र को लगा है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 84 डीलरों ने कामकाज बंद किया, जिसके बाद तमिलनाडु में 35, दिल्ली में 27, बिहार में 26, राजस्थान में 21 डीलरों ने और बाकी देश के अन्य इलाकों के डीलरोंं ने अपना कामकाज बंद किया।
फाडा के उपाध्यक्ष वी गुलाटी ने कहा, बड़े शहरों में डीलर ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं क्योंंकि वहां परिचालन की लागत कम होती है। उनका आरोप है कि कमजोर बिक्री के अलावा ओईएम डीलरशिप के विस्तार में आक्रामक रही हैं, जिसके चलते गैर-जरूरी प्रतिस्पर्धा पैदा हुई। पिछले पांच वर्षों में कारोबार संचालन की लागत करीब दोगुनी हो गई है जबकि मार्जिन घटकर 10-15 फीसदी रह गया है। वाहनों की खुदरा बिक्री लगातार 10वें महीने प्रभावित हुई है क्योंंकि नए वाहनों का पंजीकरण कुल मिलाकर साल दर साल के हिसाब से जून में 5.4 फीसदी घटा। जून में कुल बिक्री 16,46,776 वाहन रही, जो एक साल पहले 17,81,431 वाहन रही थी।
वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 19.3 फीसदी घटकर 48,752 वाहन रही, जो पहले 60,378 वाहन रही थी। उधर, दोपहिया वाहनों की बिक्री पांच फीसदी घटकर 13,24,822 वाहन रही, जो पहले 13,94,770 वाहन रही थी। यात्री वाहनों की बिक्री 4.6 फीसदी घटकर 2,24,755 वाहन रही, जो एक साल पहले 2,35,539 वाहन रही थी। तिपहिया की बिक्री 2.8 फीसदी घटकर 48,447 वाहन रही, जो एक साल पहले 51,133 वाहन रही थी। फाडा ने कहा कि सिर्फ 5-10 फीसदी पुराने डीलरों के बदले ओईएम ने नया डीलर रखा है। उधर, गुलाटी को उम्मीद है कि अगले दशक में भारतीय वाहन उद्योग की प्रगति की कहानी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति अस्थायी है क्योंकि फंडामेंटल अभी भी मजबूत बना हुआ है।
उन्होंने कहा, हम और यात्री कार डीलरों को शायद कामकाज बंद करते नहीं देख सकते हैं, लेकिन दोपहिया डीलरों पर कुछ दबाव रह सकता है। हमें उम्मीद है कि आगामी त्योहारी सीजन वाहनों की बिक्री को बहाल करेगा, जिससे डीलरशिप समुदाय को सहारा मिलेगा। फाडा ने पहले कहा था कि मॉनसून में देरी, जुलाई के पहले हिस्से में असामान्य वितरण और सख्त नकदी के चलते अल्पावधि का परिदृश्य (चार से छह महीने) नकारात्मक बना रहेगा। जीएसटी में आंशिक या अस्थायी कटौती, स्क्रैप की नीति और नकदी सहजता जैसे कदम से उद्योग को अपने कदम दोबारा जमाने में मदद मिलेगी।
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