बजाज फाइनैंस: परिसंपत्ति गुणवत्ता की चुनौतियां | हंसिनी कार्तिक / July 28, 2019 | | | | |
पिछले साल सितंबर में नकदी संकट पैदा होने के बाद भी बजाज फाइनैंस के शेयर में निवेशकों का विश्वास बरकरार रहा। इसके महंगे मूल्यांकन के बावजूद निवेशकों ने इसकी खरीदारी में दिलचस्पी दिखाई, क्योंकि कंपनी ने अच्छी परिसंपत्ति गुणवत्ता और मजबूत वृद्घि का आश्वासन दिया था। लेकिन जून तिमाही में यह आश्वासन पूरी तरह सफल साबित नहीं हुआ जिससे बजाज फाइनैंस का शेयर बीते सप्ताह 4 प्रतिशत तक गिर गया था। यह गिरावट नोटबंदी के दबाव के बाद शेयर में वित्तीय परिणाम के बाद सबसे खराब प्रतिक्रिया थी।
शुद्घ ब्याज आय (एनआईआई) या शुद्घ मुनाफा वृद्घि जैसे प्रमुख मानकों पर वित्तीय कंपनी पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। समेकित एनआईआई और शुद्घ लाभ 43 प्रतिशत तक बढ़कर पहली तिमाही में 3,695 करोड़ रुपये और 1,195 करोड़ रुपये रहे, हालांकि एनआईआई ने उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया, वहीं शुद्घ लाभ अनुमानों की तुलना में कम रहा। लेकिन समस्याएं भी बरकरार हैं। पहली तिमाही में प्रावधान संबंधित लागत (फंसे कर्ज के लिए) सालाना आधार पर लगभग 70 प्रतिशत तक बढ़कर 551 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो हाल के समय में सर्वाधिक है। स्लिपेज (ऋण के फंसे कर्ज में तब्दील होने) सालाना आधार पर 85 प्रतिशत बढ़कर 702 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात एक साल पहले के 1.39 प्रतिशत से बढ़कर 1.6 हो गया, जबकि शुद्घ एनपीए अनुपात पहली तिमाही में 20 आधार अंक तक मामूली रूप से बढ़कर 0.64 प्रतिशत पर दर्ज किया गया। हालांकि यह चिंताजनक नहीं है, लेकिन इससे परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव बढऩे और इस पर नजर रखे जाने की जरूरत पैदा हुई है।
हालांकि बड़ी समस्या वृद्घि को लेकर है। डिजिटल उत्पाद उधारी, छोटे व्यवसायों के लिए उधारी और कंज्यूमर ड्यूरेबल ऋणों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, बजाज फाइनैंस ने अब आगे सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। नए वितरण वृद्घि लक्ष्य को इन सेगमेंट में घटाकर 10-18 प्रतिशत किया गया है। प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में 40 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्घि को बरकरार रखने में सक्षम समझी जाने वाली बजाज फाइनैंस के संदर्भ में इस पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी कि ऋण वितरण में संभावित नरमी से एयूएम वृद्घि कितनी प्रभावित होगी। बजाज फाइनैंस के प्रबंध निदेशक राजीव जैन का कहना है, 'जोखिम से संबंधित आंकड़ा हमें यह बताता है कि हमारा वृद्घि लक्ष्य क्या होना चाहिए।' 8.5 प्रतिशत पर पूंजी की लागत और 9 प्रतिशत पर शुद्घ ब्याज मार्जिन जैसे अन्य कारक आरामदायक स्तर पर बने हुए हैं।
भविष्य में ऋण वृद्घि और परिसंपत्ति गुणवत्ता (एक ऐसा कारक जो ऋण वृद्घि घटने पर कमजोर पड़ सकता है) बाजार के लिए एक प्रमुख पहलू होगी। यदि इस पर दबाव पैदा होता है तो क्या निवेशक इस शेयर में डॉलर लगाना बरकरार रखेंगे, इस पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी। शुक्रवार को विश्लेषकों की सलाह के बाद इस तरह के संकेत दिखे हैं, लेकिन इस पर ध्यान देने की जरूरत होगी कि क्या ब्रोकर अपने आय अनुमानों और सुझावों में बदलाव लाएंगे और यह बदलाव कितना होगा। वित्त वर्ष 2020 की अनुमानित आय के 8 गुना पर कारोबार कर रहा यह शेयर बेहद महंगा गैर-बैंकिंग वित्तीय शेयर बना हुआ है।
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