संस्थागत निवेशकों को सरकार पर भरोसे की जरूरत | पुनीत वाधवा / July 22, 2019 | | | | |
बाजार में वैश्विक रुझानों के अलावा अगले कुछ सप्ताहों में भारतीय उद्योग जगत की जून-तिमाही की आय का असर भी दिखेगा। मेबैंक किम इंग सिक्योरिटीज के मुख्य कार्याधिकारी जिगर शाह ने पुनीत वाधवा के साथ साक्षात्कार में कहा कि आधार मामले के तौर पर उनका 6 से 9 महीने का निफ्टी का लक्ष्य 10,500 है। उनका कहना है कि बाजार इस साल और अधिक अवसर पेश करेगा, लेकिन बहुत ज्यादा तेजी के आसार सीमित दिख रहे हैं। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
जून तिमाही के नतीजों से आपकी क्या उम्मीदें हैं? वित्त वर्ष 2020 में निफ्टी के लिए आय को लेकर आपका क्या अनुमान है?
निफ्टी शेयरों के लिए आय वृद्घि वित्त वर्ष 2020 के लिए मजबूत रहनी चाहिए। वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में भी यही रुझान बरकरार रह सकता है।
दिसंबर के अंत तक सेंसेक्स/निफ्टी का प्रदर्शन कैसा रहेगा?
निफ्टी के लिए हमारा 6 से 9 महीने का लक्ष्य 10,500 है। बाजार इस साल कई अवसर मुहैया कराएगा और ज्यादा तेजी के आसान सीमित दिख रहे हैं। बाजार को अर्थव्यवस्था में उम्मीद से ज्यादा मजबूती, निजी पूंजीगत खर्च में सुधार, ब्याज दरों में लगातार नरमी से मदद मिलेगी। वहीं वैश्विक बाजारों और प्रवाह में गिरावट एक प्रमुख जोखिम होगा।
खपत आधारित क्षेत्रों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
नीलसेन द्वारा ताजा आंकड़ों और जीडीपी के आंकड़े से मंदी के रुझान की पुष्टिï हुई है। हालांकि यह क्षेत्र भारत में एक प्रमुख श्रेणी है और भविष्य में मजबूती आनी चाहिए क्योंकि आर्थिक वृद्घि, निवेश और रोजगार को लेकर रुझान में सुधार आया है। यदि कमजोर मॉनसून की भरपाई अगले दो महीनों में हो जाती है तो यह एक अन्य सकारात्मक कारक होगा।
क्या यह 6-12 महीने के परिदृश्य को ध्यान में रखकर आईटी और फार्मास्युटिकल जैसे रक्षात्मक दांव पर विचार करने का समय है?
हम सभी क्षेत्रों में खास अवसर देख रहे हैं। दबाव से उबर रहे अच्छे व्यवसायों पर ध्यान देना समझदारी होगी। निवेश से पहले कंपनियों के मूल्यांकन और अच्छे मध्यावधि विकास परिदृश्य को समझने की जरूरत होगी। इन क्षेत्रों में सीमेंट, निजी बैंक, गैस वितरण कंपनियां, सॉफ्टवेयर, लॉजिस्टिक, वाहन और मीडिया शामिल हैं। हम आईटी और फार्मा पर बहुत ज्यादा ध्यान देने से परहेज कर रहे हैं।
कैलेंडर वर्ष 2019 में आप अब तक कौन से क्षेत्रों पर सकारात्मक और नकारात्मक बने हुए?
हम निजी बैंकों/ऋणदाताओं, सॉफ्टवेयर, कंज्यूमर और सीमेंट पर सकारात्मक बने हुए हैं। वहीं दूरसंचार पर तटस्थ रुख अपनाया है। सरकारी बैंकों को लेकर हमने नकारात्मक रुख अपनाया है।
विदेशी निवेशक उभरते बाजारों में भारत को निवेश स्थान के तौर पर किस तरह से देख रहे हैं?
विदेशी निवेशक इस साल अब तक सकारात्मक बने हुए हैं। भारत एक महत्वपूर्ण दीर्घावधि निवेश स्थान बना हुआ है। मुख्य चिंताएं बैंक गैर-निष्पादित ऋण (एनपीएल) में तेजी आना, पूंजीगत खर्च में सुधार, निजीकरण के लिए प्रयासों आदि से जुड़ी हुई हैं। संस्थागत निवेशकों को भारत में सरकार पर भरोसा जताने की जरूरत है, जो आईएलऐंडएफएस घोटाले के उजागर होने के बाद से समाप्त हो गया।
कंपनियों के लिए नए सार्वजनिक प्रस्तावों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
इस बारे में व्यापक दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। अल्पावधि में बाजार में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिखाना और कंपनियों को इसके लिए पर्याप्त समय दिए जाने की जरूरत है।
क्या सरकार ने इस बजट में स्वयं एक न हासिल होने योग्य विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया?
विनिवेश लक्ष्य हासिल करना बाजार धारणाओं और प्रवाह पर निर्भर करता है। यदि निवेशक उचित मूल्य निर्धारण की वजह से पैसा कमा सकते हैं तो यह लक्ष्य हासिल हो सकता है। नकारात्मक तथ्य यह है कि पिछले कई आईपीओ/एफपीओ ने विभिन्न कारकों की वजह से अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।
क्या निवेशकों को दीर्घावधि थीम के तौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना चाहिए?
नोटबंदी और जीएसटी तथा रेरा, 2016 के क्रियान्वयन के बाद उद्योग में पैदा हुई समस्याओं से संगठित रियल एस्टेट कंपनियां लाभान्वित हुईं हैं। संगठित कंपनियों के लिए मांग बढ़ रही है। किफायती आवास रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) के साथ साथ अन्य आकर्षक अवसर है। हालांकि पर्याप्त वित्त पोषण और अधिक इन्वेंट्री (यानी बगैर बिके फ्लैटों की संख्या में वृद्घि) के संदर्भ में चुनौतियां बरकरार हैं। निवेशकों को सीमेंट, पेंट, बिल्डिंग मैटेरियल और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) जैसे क्षेत्रों के जरिये अपने दांव लगाने चाहिए।
क्या बजट में वित्तीय क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान दिया गया?
हां, अच्छे पूंजी आधार और जोखिम प्रबंधन रिकॉर्ड वाले बैंक/वित्तीय ऋणदाता अच्छी स्थिति में हैं।
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