स्वास्थ्य जांच कंपनियों के लिए संभावनाएं अपार | उज्ज्वल जौहरी / July 22, 2019 | | | | |
हालांकि बाजार फार्मास्युटिकल जैसे हेल्थकेयर क्षेत्र में विभिन्न सेगमेंट पर सतर्क है, लेकिन जो सेगमेंट वृद्घि और राजस्व परिदृश्य के संदर्भ में रुझानों को मात देता दिख रहा है, वह है नैदानिक जांच सेवा क्षेत्र। डॉ. लाल पैथलैब्स और हाल में सूचीबद्घ हुई मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर जैसी नैदानिक सेवा कंपनियों ने बाजार में शानदार प्रदर्शन किया है और उनकी यह मजबूती आगे बरकरार रहने की संभावना है। असंगठित एवं छोटी स्थानीय कंपनियों से प्रतिस्पर्धा और जरूरी जांच को लेकर मूल्य निर्धारण दबाव से जूझ रहे इस क्षेत्र में अब सुधार आने के आसार हैं। स्वास्थ्य बीमा में स्वास्थ्य जांच के बढ़ते चलन और अच्छी बाजार पैठ की संभावनाओं को देखते हुए गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषक इस क्षेत्र पर उत्साहित बने हुए हैं। इसकी वजह निवारक स्वास्थ्य देखभाल को लेकर बढ़ रही जागरूकता और रहन-सहन के स्तरों में सुधार आना है। उनका मानना है कि इसका असर तीन सूचीबद्घ नैदानिक सेवा कंपनियों - डॉ. लाल पैथलैब्स, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर और थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज के शेयरों पर दिखेगा। वर्ष 2025 तक स्वास्थ्य देखभाल पर सार्वजनिक खर्च जीडीपी के मौजूदा 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत किए जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई राष्टï्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को भी विकास के वाहक के तौर पर देखा जा रहा है। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों का कहना है कि नैदानिक जांच कंपनियां आने वाले समय में लोकप्रियता में तेजी दर्ज करेंगी। ये विश्लेषक थायरोकेयर और डॉ लाल पैथलैब्स की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक हैं।
विश्लेषकों के अनुसार निवारक स्वास्थ्य जांच का कुल बाजार में 10 प्रतिशत से कम योगदान है और यह सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। जहां सरकार ने स्वास्थ्य जांच के लिए रियायतों (कर छूट समेत) में इजाफा किया है, वहीं गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि यह सेगमेंट वित्त वर्ष 2019-23 के दौरान सालाना आधार पर 27 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। जांच सेवाओं के लिए बढ़ते बीमा कवर से भी इस क्षेत्र के लिए वृद्घि की राह मजबूत हो रही है। उनके प्रमुख पसंदीदा शेयरों में डॉ. लाल पैथलैब्स शामिल है। शुरू में दिल्ली-एनसीआर पर ध्यान केंद्रित कर रही यह कंपनी अब धीरे धीरे अपने उत्पाद, चैनल और भौगोलिक दायरे का विस्तार कर रही है। इससे न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर से जोखिम घटा है बल्कि पूर्वी भारत में विस्तार और दक्षिण तथा पश्चिम भारत में बढ़ रही उपस्थिति से कंपनी की वृद्घि को भी मदद मिलने की संभावना है।
विश्लेषकों का कहना है कि पूर्वी भारत में कंपनी के विस्तार को कोलकाता रेफरेंस लैबोरेटरी से मदद मिली है जो फिलहाल विभिन्न तरह के टेस्ट में मदद करती है और इस क्षेत्र में नैदानिक जांच सेवाओं के लिए मुख्य केंद्र है। इसके अलावा, जहां कंपनी ने दक्षिण और पश्चिम (बेंगलूरु और पुणे) में अच्छी वृद्घि दर्ज की है, वहीं विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी नकदी की मजबूत स्थिति को देखते हुए क्षेत्रों में विलय एवं अधिग्रहण से संबंधित वृद्घि के लिए भी मजबूत स्थिति में है। दिल्ली-एनसीआर की तुलना में अन्य क्षेत्रों से कंपनी का योगदान बढ़कर 57 प्रतिशत हो गया है। यह मजबूत ब्रांड की मदद, गुणवत्तायुक्त टेस्टिंग, अच्छे मार्जिन और नए क्षेत्रों में विस्तार से प्रतिस्पर्धा को मात देने की स्थिति में है, वहीं एडलवाइस रिसर्च के विश्लेषकों को इस शेयर में और ज्यादा तेजी की संभावना दिख रही है।
हालांकि थायरोकेयर टेक्नोलॉजी भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और उसने बिक्री बढ़ाने के लिए कीमत कटौती का सहारा लिया। लेकिन इससे मार्जिन पर दबाव बढ़ा। इक्विरस के विश्लेषकों का कहना है कि आरोग्यम प्रोफाइल में 25 प्रतिशत की कीमत कटौती से बिक्री बढ़ी है और मार्च तिमाही में यह सालाना आधार पर 49 प्रतिशत तक बढ़ी। कंपनी ने कुछ खास टेस्ट की कीमतों में भी इजाफा किया है। कुल मिलाकर मार्च तिमाही में प्राप्तियां सालाना आधार पर स्थिर (तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत कम) बनी रहीं। विश्लेषकों का कहना है कि आरोग्यम में वृद्घि से कंपनी की कुल प्राप्तियों में मदद मिलेगी। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों का भी कहना है कि कंपनी बिजनेस-टु-बिजनेस और बिजनेस-टु-कंज्यूमर सेगमेंट्स दोनों में मार्जिन और अच्छी भागीदारी बनाए रखने में सफल रहेगी। कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2017-21 के दौरान सालाना 15.4 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान है और परिचालन मुनाफा 14.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है।
मेट्रोपोलिस एक केंद्रित कंपनी बनी हुई है और वह विशेष भूभागों पर ध्यान देकर बिजनेस-टु-बिजनेस कंज्यूमर सेगमेंट पर जोर दे रही है। जहां कंपनी ने वित्त वर्ष 2016-19 के दौरान सालाना 17 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, वहीं उसके कारोबार से जुड़े प्रमुख शहरों मुंबई, बेंगलूरु, चेन्नई, सूरत और पुणे में ऊंची दर पर वृद्घि दर्ज की गई। जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों का मानना है कि मेट्रोपोलिस लगातार उद्योग-आधारित वृद्घि (वित्त वर्ष 2019-21 के दौरान सालाना 22 प्रतिशत की) के लिए प्रयासरत रहेगी।
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