उप्र विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से | वीरेंद्र सिंह रावत / लखनऊ July 17, 2019 | | | | |
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। राज्य में सपा-बसपा महागठबंधन की टूट के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र है। इस बार विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के आजम खान जैसे तेजतर्रार नेता नजर नहीं आएंगे। ये दोनों नेता अब लोक सभा सदस्य हैं। आम चुनावों में मिली करारी हार के बाद सपा और बसपा ने अपने रास्ते अलग कर दिए थे। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार को अब विधानसभा और विधान परिषद में कानूनों को पारित कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी। भाजपा सरकार केंद्र और राज्य की योजनाओं को अतिरिक्त फंड दिलाने और बुनियादी क्षेत्र की अहम परियोजनाओं को बजटीय आवंटन मुहैया कराने के लिए 23 जुलाई को पहला पूरक बजट पेश करेगी।
सरकार ने 7 फरवरी को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4.79 लाख करोड़ रुपये का सालाना बजट पेश किया था। पूरक बजट मांगों के बाद राज्य के बजट का आकार 5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर जाएगा। हाल में सरकार ने विभाग प्रमुखों को अपनी आपात बजट मांगों के बारे में जानकारी देने को कहा था। खासकर उन विभागों से जानकारी मांगी गई थी जिन्हें कतिपय कारणों से पहले आवंटन नहीं किया जा सका था। 2019-20 के वार्षिक बजट में भाजपा सरकार ने राजकोषीय अनुशासन दिखाते हुए राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 2.97 फीसदी रखने की घोषणा की थी। राजकोषीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन कानून के तहत इसे जीडीपी का 3 फीसदी से कम रखना जरूरी है।
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और मूल्य वद्र्घित कर (वैट) से 77,640 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान जताया है। उत्पाद कर संग्रह के 31,517 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। मॉनसून सत्र 7-8 दिन चल सकता है। इस दौरान उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी पेश किया जाएगा। आज विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और सभी दलों से सदन का कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए उनका सहयोग मांगा। लेकिन विपक्षी दल कानून व्यवस्था, गन्ना बकाया, कृषि संकट और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मुद्दे पर सरकार को घेर सकते हैं।
|