आवक घटने से दलहन चली महंगाई की चाल | बीएस संवाददाता / वाराणसी July 11, 2019 | | | | |
पिछले सात दिनों के दौरान वाराणसी समेत पूर्वांचल के बाजारों में अरहर समेत सभी दाल पर महंगाई की मार पड़ी है। सरकार के खाता बही का असर पहले पेट्रो पदार्थों पर दिखा तो वहीं अब दाल, चावल, आटा समेत सभी खाद्य सामग्री पर दिखाई पडऩे लगा है। वाराणसी के विश्वेश्वरगंज मंडी में दाल की कीमतों में प्रति क्विंटल 450 रुपये की वृद्धि हुई है जिससे यहां के खुदरा बाजारों में अरहर की दाल सौ से 110 रुपये किलो तक जा पहुंचा है। जबकि कुछ दिन पूर्व अरहर दाल 60 से 70 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही थी।
डीजल के दाम में करीब 2.50 रुपये की वृद्धि ने जहां दाल को सैकड़ा के पार पहुंचाने का मार्ग दिया तो वहीं डीजल व पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि से आमंत्रित हुई महंगाई ने मध्यम वर्ग के साथ साथ गरीबों का आटा गीला कर दिया है। पेट्रो पदार्थों में मूल्य वृद्धि के असर से खाद्य पदार्थों में आटे के दाम में प्रति क्विंटल 60 रुपये की वृद्धि हो चुकी है। व्यापारियों अनुसार त्योहारों का मौसम शुरू होने पर इसमें 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि और हो सकती है। इसी तरह सूखे मेवे का दाम भी 20 से 25 रुपये किलो ज्यादा चुकाना होगा। तो दूसरी तरफ चावल और चीनी भी महंगाई की भेट चढ़ चुके हैं।
पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी वाराणसी के विश्वेश्वरगंज में पश्चिमी यूपी के लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोरखपुर, महाराष्ट्र के लातूर से दालों की आवक बंद होने से मांग व आपूर्ति में अंतर का असर अरहर दाल के दाम पर पडऩे लगा है। यहां केवल मध्यप्रदेश के कटनी से दाल मंडी में पहुंच रही है। वही अरहर के दाम में वृद्धि होने से मूंग, उड़द, मसूर, चना दाल के दाम में भी बढ़ोतरी शुरू हो गई है। विश्वेश्वरगंज मंडी के कारोबारी भगवानदास ने बताया कि आठ हजार रुपये क्विंटल से बढ़कर अरहर दाल का भाव 845 रुपये क्विंटल होने से गड़बड़ाया है बजट, फिलहाल मंडी विश्वेश्वरगंज मध्यप्रदेश की दाल पर निर्भर है। दाल कारोबारी प्रेम कुमार ने कहा कि परिवहन महंगा होने के कारण अब दाल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। अरहर के साथ ही मूंग, उरद, मसूर, चना सभी के दाम में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी है। वहींपेट्रो पदार्थों में मूल्य वृद्धि का असर रसोई से जुड़े दूसरे खाद्य पदार्थों पर भी दिखने लगा है।
आटा, चावल, चीनी, मेवा सभी सामग्रियों के दाम बढऩे से मध्य वर्ग और गरीब बेहाल हो चले हैं। खाद्य सामग्रियों के दाम में करीब 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां खाद्य पदार्थों के मूल्य में पांच से लेकर 80 रुपये तक की वृद्धि हुई है। थोक में चीनी के दाम 3420 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 3700 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। काशी किराना व्यापार मंडल के अध्यक्ष सीताराम केशरी ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे से परिवहन महंगा हो गया है ऐसे में हर व्यापार पर असर पड़ रहा है। कारोबारी ओम अग्रवाल ने कहा कि चावल का बाजार पहले से ही मंदा था। ग्राहक नहीं आ रहे थे। पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ जाने से ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया। चावल के दाम पर भी असर पड़ा है। कारोबारी मनोज केशरी ने बताया आटे का दाम 60रुपया क्विंटल तक बढ़ा है। जहां से माल आ रहा वे ज्यादा दाम ले रहे हैं। ऐसे में दाम बढ़ाना पड़ रहा। त्योहार शुरू होने पर दाम और बढ़ सकते हैं। हालांकि, दाम की दुश्वारियों के पीछे कई वजहें हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू न हुए तो गरीब ही नहीं मध्यम वर्ग की थाली से दाल चावल चीनी समेत तमाम खाद्य पदार्थ दूर हो जाएगी।
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