भारत में भी इक्विटी कारोबार बंद करेगा डॉयचे बैंक | समी मोडक / मुंबई July 08, 2019 | | | | |
डॉयचे बैंक की देसी निवेश बैंकिंग व इक्विटी ट्रेडिंग इकाई डॉयचे इक्विटीज इंडिया (डीईआईपीएल) अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही है। सूत्रों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इक्विटी ट्रेडिंग कारोबार से बाहर निकलने की जर्मनी मुख्यालय वाली मूल कंपनी के फैसले के बाद डीईआईपीएल अपने भारतीय परिचालन पर विराम लगाने की प्रक्रिया में है और इसके लिए पोजीशन की बिकवाली की प्रक्रिया में है।
रविवार को डॉयचे बैंक ने अपने कारोबार में अहम बदलाव की घोषणा की थी, जिसमें नुकसान वाले इक्विटी ट्रेडिंग कारोबार को बंद करना, नए बैड बैंक की स्थापना और 18,000 नौकरियों में कटौती शामिल है। सूत्रों ने कहा कि डीईआईपीएल में करीब 35 लोग काम करते हैं और इन सभी की नौकरियां जा सकती हैं। एक सवाल के जवाब में डॉयचे बैंक के प्रवक्ता ने कहा, इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी कि किस तरह से वैश्विक घोषणा का देसी परिचालन पर असर होगा।
प्रवक्ता ने एक ईमेल के जवाब में कहा, किसी विशिष्ट मसले पर अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हम अपने कर्मचारियों से उनकी नौकरियों और उनके लिए उपलब्ध विकल्पों पर सीधे बात कर रहे हैं। हम पूरी तरह से समझते हैं कि इस तरह से फैसले का लोगों के जीवन पर गंभीर असर होता है। इसी वजह से इन बदलावों के क्रियान्वयन के समय हम यथासंभव जिम्मेदारी व संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ेंगे।
जहां तक भारतीय बाजार का प्रश्न है, डीईआईपीएल की मौजूदगी निवेश बैंकिंग कारोबार में बहुत ज्यादा नहीं है। हालांकि इक्विटी ट्रेडिंग कारोबार में उसकी खासी मौजूदगी है, जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बदले शेयरों का कारोबार करती है। इस साल डॉयचे इक्विटीज प्राथमिक बाजार में सिर्फ एक सौदे का हिस्सा रही है, जो एम्बेसी ऑफिस पाक्र्स रीट का 3,800 करोड़ रुपये का आईपीओ है।
एक सूत्र ने कहा, डीईआईपीएल ने इक्विटी में नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। वह एफपीआई व पार्टिसिपेटरी नोट्स के मौजूदा पोजीशन की बिकवाली की प्रक्रिया में है, जिसमें क्लाइंटों ने निवेश किए हैं। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि कुछ साल पहले तक डीईआईपीएल का इक्विटी रिसर्च कारोबार सबसे अच्छे कारोबारों में था। पिछले साल डीईआईपीएल के शोध प्रमुख अभय लैजावाला ने कंपनी के साथ 10 साल बिताने के बाद अप्रत्याशित तौर पर इस्तीफा दे दिया। डॉयचे इक्विटीज इंडिया के प्रमुख अभी प्रतीक गुप्ता हैं।
डॉयचे बैंक की घोषणा इसके समकक्ष बार्कलेज व स्टैंडर्ड चार्टर्ड आदि की तरफ से उठाए गए कदम के बाद देखने हुई है। साल 2016 में बार्कलेज ने लागत घटाने के लिए भारतीय इक्विटी कारोबार बंद कर दिया था। इससे पहले साल 2015 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड की तरफ से इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज व निवेश बैंंकिंग कारोबार बंद किए जाने से बाजार को आश्चर्य हुआ था।
उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि वैश्विक बैंकों के लिए इक्विटी ट्रेडिंग कारोबार कभी भी बड़ी कमाई का साधन नहीं रहा है। हालांकि निवेश बैंकों के लिए यह अहम कारोबारी परिचालन रहा है क्योंकि वह दुनिया भर के क्लाइंटों को किसी भी इक्विटी बाजार तक पहुंच मुहैया कराता है।
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