घरेलू और वैश्विक घटनाक्रम से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से आज भारतीय शेयर बाजार में नौ महीने में सबसे ज्यादा गिरावट आई और दिन के कारोबार के दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स 908 अंक तक लुढ़क गया था। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर अधिभार, शेयर पुनर्खरीद पर 20 फीसदी कर और न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता को 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी करने के प्रस्ताव ने निवेशकों को निराश किया है। इस बीच, अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़े आने से फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की गुंजाइश कम होने से भी अधिकांश वैश्विक बाजारों में गिरावट आई है।
कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 793 अंक गिरकर 38,721 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 253 अंक गिरकर 11,558 पर बंद हुआ। 11 अक्टूबर, 2018 के बाद शेयर बाजार में एक दिन में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है। दोनों सूचकांक अब लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले यानी 23 मई के स्तर पर आ गए हैं। बाजार के भागीदारों का कहना है कि एफपीआई पर अधिभार का बाजार पर व्यापक असर हुआ है।
डाल्टन कैपिटल एडवाइजर्स के निदेशक यूआर भट्टï ने कहा, 'एफपीआई पर अधिभार का बाजार पर आगे भी नकारात्मक असर पड़ेगा। एफपीआई अधिभार बढ़ाने के बारे में कुछ भम्र की स्थिति है और इस बारे में सरकार के स्पष्टीकरण के बाद ही बाजार की दिशा तय होगी।'
वेलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्योति जयपुरिया ने कहा, 'विदेशी निवेशकों को अन्य बाजारों में इस तरह का कर नहीं देना होता है। भारत को भी विदेशी निवेश बरकरार रखने के लिए कर बाद का बेहतर रिटर्न मुहैया कराना चाहिए।' एफपीआई ने बाजार में 402 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 321 करोड़ रुपये की लिवाली की।
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनको अर्थव्यवस्था में नरमी बने रहने का डर सता रहा है। इसके साथ ही मारुति सुजूकी और बजाज फाइनैंस जैसी बड़ी कंपनियों ने भी मांग में नरमी के संकेत दिए हैं।
इलारा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (इक्विटी स्ट्रैटजी) प्रदीप केसवन ने कहा, 'वाहनों के उत्पादन में कटौती, मॉनसून में कमी और खरीफ बुआई का रकबा कम रहने जैसे कई नकारात्मक खबरों के बीच कमजोर मांग बनी रहने की आशंका है। बजट में खपत बढ़ाने के लिए किसी तरह के तात्कालिक उपाय की घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में बाजार में गिरावट आई है।'
निफ्टी मिडकैप में 2.75 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई में ही पांच में से चार शेयर गिरावट पर बंद हुए। बजाज फाइनैंस में सबसे ज्यादा 8.2 फीसदी की गिरावट आई। ओएनजीसी और मारुति सुजूकी में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि येस बैंक गिरावट से उबरते हुए 5.5 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। एचसीएल टेक्नोलॉजिज में 2 फीसदी और टीसीएस में 0.7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
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