देश की प्रमुख उपभोक्ता वस्तु कंपनियों ने हाल में जारी तिमाही नतीजों में संकेत दिए हैं कि अप्रैल से जून की अवधि में मांग परिदृश्य कमजोर बनी रही। इससे पहले मार्च तिमाही में एफएमसीजी क्षेत्र को पिछले दो साल की सबसे खराब मंदी का सामना करना पड़ा था। हालांकि कंपनियों को लोकसभा चुनाव के बाद स्थिति में सुधार होने की उम्मीद थी लेकिन गोदरेज कंज्यूमर (जीसीपीएल) के मामले में ऐसा नहीं हुआ। जबकि मैरिको ने बुधवार को कहा कि पहली तिमाही के दौरान मांग परिदृश्य काफी चुनौतीपूर्ण रहा और सामान्य खपत में गिरावट दर्ज की गई।
पिछले सप्ताह डाबर ने कहा था कि उसे अब तक मंदी का कोई लक्षण नहीं दिखा है क्योंकि अर्थव्यवस्था में नकदी किल्लत एवं अन्य वृहद आर्थिक कारक मौजूद हैं। जीसीपीएल ने अपने बयान में कहा है, 'तिमाही के दौरान भारत सहित कुछ जगहों पर हमें मांग में अपेक्षाकृत नरमी दिखी।' कंपनी ने यह भी कहा कि पहली तिमाही के दौरान बिक्री में मात्रात्मक वृद्धि 5 से 6 फीसदी पर जनवरी से मार्च तिमाही के मुकाबले बेहतर रही।
डाबर ने भी कहा कि कुल मिलाकर उसके कारोबार का प्रदर्शन मार्च तिमाही के मुकाबले बेहतर रही और ग्रामीण बिक्री में वृद्धि शहरी बिक्री में बढ़त के मुकाबले अधिक रही। डाबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी मोहित मलहोत्रा ने कहा, 'यदि मॉनसून सामान्य रहा तो ग्रामीण बाजार की बिक्री में सुधार होगा, खासकर इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में।'
मैरिको ने अपने तिमाही नतीजे में कहा है, 'पहली तिमाही के दौरान थोक बिक्री में सुस्ती के साथ ही पारंपरिक चैनल में ग्रामीण बाजार की बिक्री शहरी बिक्री के मुकाबले आगे रही। आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स से वृद्धि को लगातार रफ्तार मिल रही है जबकि कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) के लिए तिमाही सामान्य रही।' कंपनी ने कहा, 'खपत में सुधार के लिए मॉनसून में देरी, नकदी किल्लत की स्थिति में सुधार और विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन जैसे कारकों पर नजर रहेगी।'
बाजार अनुसंधान एजेंसी नीलसन के आंकड़ों से पता चलता है कि चौथी तिमाही के दौरान ग्रामीण बाजार की बिक्री में वृद्धि की रफ्तार सुस्त थी लेकिन वह पिछली तिमाहियों के दौरान शहरी बाजार की बिक्री में वृद्धि के मुकाबले 100 से 200 आधार अंक अधिक रही थी।
फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी किशोर बियाणी ने कहा, 'ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आय बढऩे वाली है जिससे इन बाजारों की खपत में नरमी दूर होगी।' उन्होंने कहा, 'ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सुधार पैकेज से मदद मिलेगी और एक स्थिर सरकार होने से मैं समझता हूं कि काफी कुछ हो सकता है।'
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने कहा, 'कम मुद्रास्फीति के साथ भारत पिछले कुछ वर्षों से लगातार स्थिर वृद्धि दर्ज कर रहा है। हालांकि अब मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ता जा रहा है और मॉनसून में देरी के कारण कृषि आय प्रभावित होगी। इसलिए ग्रामीण परिवारों को प्रेरित करना फिलहाल समय की जरूरत है।'
नीलसन कमजोर धारणा बरकरार रहने का हवाला देते हुए घरेलू उपभोक्ता वस्तु बाजार के लिए कैलेंडर वर्ष 2019 के अपने वृद्धि अनुमान में 200 आधार अंकों की कटौती पहले ही कर चुकी है। एजेंसी ने यह भी कहा है कि मंदी से सबसे अधिक प्रभावित श्रेणियों में फूड एवं पर्सनल केयर शामिल हैं।
गोदरेज कंज्यूमर ने कहा है कि उसे आगे की तिमाहियों के दौरान उपभोक्ता मांग में सुधार की उम्मीद है जबकि मैरिको का कहना है कि वह मध्यावधि में मुनाफा वाली मात्रात्मक बिक्री पर लगातार ध्यान केंद्रित करेगी।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.