डिश टीवी-एयरटेल में बनी बात | पतंजलि पाहवा और उर्वी मलवाणिया / मुंबई July 03, 2019 | | | | |
डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) सेवा प्रदाता डिश टीवी के प्रवर्तक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी एयरटेल डिजिटल टीवी को बेचकर इस कारोबार से निकल जाएंगे। एयरटेल डिजिटल दूरसंचार दिग्गज भारती एयरटेल की डीटीएच इकाई है। मामले के जानकार सूत्रों ने बताया कि इस सौदे के लिए भारती एयरटेल निजी इक्विटी फर्म वारबर्ग पिनकस के साथ साझेदारी कर सकती है और डिश टीवी के प्रवर्तक गोयल परिवार को 45 से 50 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से भुगतान कर सकती है। इस सौदे से डिश के प्रवर्तकों को करीब 4,800 करोड़ से 5,300 करोड़ रुपये मिलेंगे। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने बताया कि एयरटेल डिश टीवी का अपने में विलय करना चाहती है, जिसके लिए प्रवर्तकों की हिस्सेदारी खरीदने के बाद वह शेयरों की अदला-बदली करेगी और 20 फीसदी अतिरिक्त शेयरों के लिए खुली पेशकश ला सकती है।
इस सौदे को अगले महीने अंतिम रूप दिया जा सकता है, जो भारतीय डीटीएच क्षेत्र में दूसरा बड़ा विलय होगा। इससे पहले 2016 में डिश टीवी ने वीडियोकॉन डी2एच का अधिग्रहण किया था। इस बारे में संपर्क करने पर डिश टीवी और एयरटेल के प्रवक्ताओं ने इसे बाजार की अटकलें बताईं और कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गोयल परिवार इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है और प्रवर्तकों पर करीब 16,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। प्रवर्तक ज़ी एंटरटेनमेंट में अपनी 50 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मार्च 2019 तिमाही खत्म होने तक ज़ी के प्रवर्तकों ने अपनी 66.18 फीसदी हिस्सेदारी ऋणदाताओं के पास गिरवी रखी हुई थी।
डिश टीवी का नियंत्रण और प्रबंधन का जिम्मा एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा के भाई जवाहर गोयल के पास है। सूत्रों ने कहा कि डिश टीवी के मामले में भी प्रवर्तकों ने अपनी 58 फीसदी हिस्सेदारी का 94.6 फीसदी गिरवी रखा है। इस सौदे से मिलने वाली रकम से कर्ज का भुगतान किया जाएगा। बुधवार को डिश टीवी का शेयर 5.2 फीसदी चढ़कर 31.30 रुपये पर बंद हुआ और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 5,763 करोड़ रुपये रहा। एयरटेल और डिश टीवी के विलय के बाद एकीकृत इकाई के ग्राहकों की संख्या 3.8 करोड़ हो जाएगी। मामले के जानकार लोगों ने बताया कि एयरटेल और डिश टीवी के बीच बातचीत मार्च में शुरू हुई थी और उस समय गोयल परिवार ने 62 रुपये प्रति शेयर का भाव मांगा था। हालांकि जियोफाइबर के उभरने और प्रवर्तकों पर कर्ज बोझ बढऩे से सौदा 45 से 50 रुपये प्रति शेयर पर तय हुआ।
वारबर्ग पिनकस ने एयरटेल डिजिटल की होल्डिंग कंपनी भारती टेलीमीडिया में 2017 में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। भारती एयरटेल के पास भारती टेलीमीडिया में 95 फीसदी हिस्सेदारी है। सूत्रों ने कहा कि विलय के बाद डिश टीवी मुख्य ब्रांड हो सकता है जिसके तहत कंपनी के डीटीएच परिचालन आएंगे। दिसंबर 2018 तिमाही के भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय डीटीएच क्षेत्र में भुगतान कर सेवा लेने वाले ग्राहकों की संख्या 7.05 करोड़ है। रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि डिश टीवी की बाजार हिस्सेदारी 40 फीसदी है, वहीं एयरटेल डिजिटल के पास 22 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है। इसका मतलब यह हुआ कि विलय के बाद बनने वाली इकाई के पास 62 फीसदी बाजार हिस्सेदारी होगी। टाटा स्काई 25 फीसदी हिस्सेदारी के साथ काफी पीछे रह जाएगी।
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