मॉर्गन स्टैनली ने घटाया वैश्विक वृद्घि अनुमान | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली July 02, 2019 | | | | |
मॉर्गन स्टैनली के मुख्य अर्थशास्त्री और वैश्विक प्रमुख (अर्थशास्त्र) चेतन अह्या की अगुआई में इसके विश्लेषकों ने 2019 और 2020 के लिए वैश्विक वृद्घि अनुमान में कटौती की है। बहरहाल उन्होंने अनुमान लगाया है कि उभरते बाजारों की वृद्धि दर विकसित बाजारों की तुलना में बेहतर रहेगी। भारत के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में वृद्धि दर बढ़कर 6.2 प्रतिशत (2018 में 7.4 प्रतिशत) और 2020 में 7.1 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने अब अनुमान जताया है कि वैश्विक आर्थिक वृद्घि 2019 के अंत तक वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में 3.2 फीसदी और हाल ही में 2018 की दूसरी तिमाही में रही सर्वाधिक 4 फीसदी से घटकर 2.9 फीसदी रह जाएगी जो कि छह वर्ष का न्यूनतम स्तर है।
जी-20 बैठक के बाद बनी स्थिति को देखते हुए मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि कारोबारी नीति के इर्द गिर्द बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं। महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर अब तक स्पष्टता का अभाव नजर आ रहा है। अमेरिका और चीन पिछले हफ्ते कारोबारी वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमत हुए। हालांकि यदि कारोबारी तनाव बढ़ता है और कम से कम चार से छह महीनों के लिए चीन से आयात होने वाले सभी वस्तुओं पर शुल्क में 25 फीसदी की वृद्घि होती है तो उस सूरत में मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि वैश्विक मंदी अगले तीन तिमाहियों तक जारी रह सकती है।
मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में कहा, 'कारोबारी विश्वास पर कारोबारी तनाव का असर काफी अधिक बढ़ रहा है। जून में कारोबारी विश्वास के ज्यादातर उपाय और अधिक शिथिल हुए हैं। इसे देखते हुए हम 2019 और 2020 दोनों वर्षों के लिए अपने वृद्घि अनुमानों को संशोधित कर इसमें 20 आधार अंकों की कटौती कर इसे क्रमश: 3 फीसदी और 3.2 फीसदी रहने की उम्मीद जताते हैं।'
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