रियल एस्टेट में मंदी से पीरामल पर दबाव | देव चटर्जी और कृष्ण कांत / मुंबई June 28, 2019 | | | | |
नकदी किल्लत और उससे गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र (एनबीएफसी) में पैदा हुए संकट ने पीरामल समूह की प्रमुख कंपनी पीरामल एंटरप्राइजेज के लिए मुसीबत पैदा की है। पिछले 15 वर्षों में पहली बार कंपनी का बाजार पूंजीकरण उसकी कुल उधारी (समेकित आधार पर) की तुलना में कम रहा है। मौजूदा शेयर भाव पर पीरामल एंटरप्राइजेज का बाजार पूंजीकरण 37,372 करोड़ रुपये है, जो मार्च के अंत में लगभग 56,000 करोड़ रुपये की उसकी कुल उधारी की तुलना में काफी कम है।
इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2019 में 11,862 करोड़ रुपये की उधारी जुटाई, लेकिन उसका बाजार पूंजीकरण इस अवधि के दौरान 6,624 करोड़ रुपये तक घट गया। कंपनी का शेयर मौजूदा समय में पिछले साल अगस्त के ऊंचे स्तर से लगभग 43 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
विश्लेषकों का कहना है कि इससे कंपनी को अपने बिजनेस मॉडल को बरकरार रखना मुश्किल होगा। यह बिजनेस मॉडल लगातार ताजा कोष उगाही पर निर्भर है। बाजार विश्लेषक डेवलपर ऋण और लोगों को आवास ऋण, दोनों के रूप में रियल एस्टेट बाजार के लिए बड़े कर्ज को लेकर पीरामल की चिंताओं पर नजर लगाए हुए हैं। डेवलपरों के लिए ऋणों का पीरामल की कुल उधारी बुक में 71 प्रतिशत का योगदान है। रियल एस्टेट में वैकल्पिक निवेश और उसके आवास वित्त व्यवसाय दोनों के साथ, रियल एस्टेट व्यवसाय का वित्त वर्ष 2019 के ंत में उसकी वित्तीय सेवा कंपनी में नियोजित पूरी पूंजी के 71 प्रतिशत का योगदान है।
एक विश्लेषक ने कहा, 'लोढा समूह के लिए पीरामल का जोखिम काफी अधिक है। चूंकि ग्राहक ज्यादा महंगे अपार्टमेंट नहीं खरीद रहे हैं, इसलिए लोढा पर इसका प्रभाव पड़ा है और पीरामल पर भी इससे दबाव देखा गया है।' कुछ खबरों में कहा गया है कि पीरामल ने लोढा में अपना 4,000 करोड़ रुपये के निवेश का आधा हिस्सा गोल्डमैन सैक्स बो बेचने के लिए बातचीत की है।
पीरामल एंटरप्राइजेज की सहायक इकाई पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनैंस (पीसीएचएफएल) को भी गंभीर नकदी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल अगस्त में आईएलऐंडएफएस में नकदी संकट से इन कंपनियों पर भी दबाव पड़ा। निवेशक आशंकित बने हुए हैं क्योंकि विश्लेषक यह कह रहे हैं कि रियल एस्टेट में खराब समय अभी बना रह सकता है।
मंगलवार को रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कंपनी की दीर्घावधि रेटिंग घटाकर 'एए' कर दी। रेटिंग एजेंसी ने कंपनी के उधारी व्यवसाय के बढ़ते जोखिम प्रोफाइल को ध्यान में रखकर इस रेटिंग में कमी की है। 17 जून को पीरामल एंटरप्राइजेज ने श्रीराम ट्रांसपोर्ट में 2300 करोड़ रुपये में अपनी 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची और इसकी पुष्टिï की थी कि उसने अपनी गैर-सूचीबद्घ पैतृक कंपनी श्रीराम कैपिटल में भी 20 प्रतिशत हिस्सा बेचने की योजना बनाई है।
पीरामल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन अजय पीरामल का कहना है कि कंपनी पूंजी जुटाने के प्रयास में श्रीराम सिटी यूनियन से निकलेगी। विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी को अब अपनी नकदी स्थिति मजबूत बनाने के लिए ताजा पूंजी जुटाने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है। पीरामल वित्तीय व्यवसाय में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए सॉफ्टबैंक से बातचीत कर रही है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि पीरामल 1 अरब डॉलर जुटाने के प्रयास में यह हिस्सेदारी बेच सकती है। पीरामल एंटरप्राइजेज से पुष्टि 25 जून, 2019 की अपनी क्रेडिट रेटिंग रिपोर्ट में इक्रा की आपत्तियों के संदर्भ में पीरामल एंटरप्राइजेज ने यह स्पष्ट किया है कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनैंस (पीसीएचएफएल) अपना रिटेल परिचालन बढ़ाने और अपने पोर्टफोलियो में सुधार लाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
इक्रा ने शुरू में पीसीएचएफएल की रेटिंग सितंबर 2018 में एए से बढ़ाकर एए+ कर दी थी। लेकिन हाल के संशोधन के साथ रेटिंग एजेंसी ने कंपनी की रेटिंग घटाकर फिर से पहले के समान कर दी है। पीरामल एंटरप्राइजेज का कहना है कि पिछली समीक्षा (सितंबर 2018) के बाद से कंपनी के परिचालन मानकों में कोई विपरीत बदलाव नहीं आया है।
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