ग्रामीण इलाकों में तेजी से घट रहा है मोबाइल फोन का आधार
सोहिनी दास और रोमिता मजूमदार / मुंबई June 27, 2019
भारत में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या में अप्रैल में थोड़ा सुधार हुआ है, जबकि मार्च में तेज गिरावट आई थी। लेकिन भारतीय दूर संचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी के बाद से ग्रामीण इलाकों में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। दिसंबर से ग्रामीण इलाकों में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 2 करोड़ कम हुई है।
इसके अलावा रिलायंस जियो को छोड़कर दूरसंचार कंपनियां अपने सक्रिय ग्राहक भी गंवा रही हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि सक्रिय ग्राहकों की संख्या घटकर जून 2018 के स्तर पर आ गई है। इस समय बाजार में कुल 91.1 करोड़ सक्रिय ग्राहक हैं (तीन प्रमुख कारोबारियों के), जबकि जून 2018 में यह संख्या 93.3 करोड़ और मई 2018 में 91.5 करोड़ थी। इसके अलावा अन्य टेलीकॉम कंपनियों के कुल सक्रिय ग्राहक अप्रैल 2019 में 6.8 करोड़ हैं।
दूरसंचार कंपनियों और विश्लेषकों के मुताबिक सिम के समेकन की वजह से हो रहा है। एक कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पिछले कुछ साल में ग्रामीण इलाकों में मोबाइल की पहुंच सुधरी है। इन इलाकों में कम कमाई वाले कई सिम थे। इस तरह से उपभोक्ताओं के आधार में गिरावट इस बात के संकेत हैं कि कई सिम वाली स्थिति बदल रही है। मोबाइल फोन के 110 करोड़ उपभोक्ता हैं, जिनमें से केवल 70 करोड़ एक नंबर इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता हैं, जबकि शेष कई सिम इस्तेमाल करने वाले हैं।'
कई सिम इस्तेमाल किए जाने वाली स्थिति बदल रही है और अब समेकन हो रहा है। उपभोक्ता अपने प्राथमिक सिम (ऑपरेटर) को चुन रहे हैं और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी भी स्थिर हुई है। बीएनपी परीबा के एक विश्लेषक ने कहा कि पिछले 5 महीने में एमएनपी का आवेदन भी स्थिर हुआ है। अप्रैल महीने में यह 46 लाख था।
बीएन परीबा के मुताबिक, 'भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया द्वारा सर्विस वैलिडिटी पैक पेश किए जाने के बाद से एमएनपी गतिविधियां बढ़ी थीं, लेकिन यह मात्रा बहुत ज्यादा नहीं रही।' अप्रैल महीने में इस उद्योग के कुल सक्रिय उपभोक्ता 2.21 करोड़ कम होकर 99.96 करोड़ रह गए हैं। एयरटेल के सक्रिय ग्राहकों में 37 लाख की कमी आई है, जबकि वोडाफोन आइडिया के सक्रिय उपभोक्ता 2.6 करोड़ घटे हैं। जियो एकमात्र कारोबारी है, जिसने 72 लाख उपभोक्ता जोड़े हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को जोडऩे की उसकी रफ्तार कम हुई है।
मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों का मानना है कि जियो के लाभ का योगदान जियोफोन ऑफटेक को दिया जा सकता है। मोतीलाल ओसवाल में शोध विश्लेषक अली असगर शाकिर ने कहा, 'एयरटेल के मामले में न्यूनतम रिचार्ज प्लान का असर कम दिख रहा है। हालांकि वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों में तेज गिरावट जारी है।'
अप्रैल महीने में सक्रिय उपभोक्ता बाजार में वोडाफोन आइडिया की हिस्सेदारी 34.2 प्रतिशत, एयरटेल की 32.2 प्रतिशत और जियो की 26.5 प्रतिशत रही है। दो सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल की कुल हिस्सेदारी 6.8 प्रतिशत है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जियो की वृद्धि दर अच्छी है, जिसमें जियोफोन के बढ़े ग्राहकों की भूमिका अहम है। अप्रैल में एयरटेल और वोटाफोन आइडिया के मोबाइल ब्रॉडबैंड से जुडऩे वालों की संख्या कमजोर रही है। विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव के समय में कम मांग की वजह से संभवत: स्मार्टफोन की बिक्री प्रभावित हुई है। इसकी वजह से नए ब्रॉडबैंक ग्राहकों की संख्या कम हुई है।
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